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धर्म-अध्यात्म
जानिए मोती पहनने से इन राशि के लोगों का चमक सकता है भाग्य
Tara Tandi
17 July 2022 11:30 AM GMT
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रत्न शास्त्र के मुताबिक रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्न शास्त्र के मुताबिक रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही अगर कुंडली में कोई ग्रह कमजोर स्थित है तो उसको मजबूत करने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है। यहां हम बात करने जा रहे है मोती रत्न के बारे में, मोती रत्न का संंबंध चंद्र ग्रह से है। आइए जानते हैं मोती पहने के क्या लाभ होते हैं और इसे धारण करने की सही विधि क्या है।
ऐसा होता है मोती:
रत्न शास्त्र अनुसार चन्द्रमा की तरह मोती रत्न भी शांत, सुन्दर और शीतल होता है। इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर के रसायनों पर पड़ता है। मोती रत्न गोल और सफेद रंग का होता है। जो समुद्र में सीपियों से प्राप्त किया जाता है। मोती रत्न सबसे अच्छा साउथ सी का माना जाता है।
ये लोग धारण कर सकते हैं मोती:
रत्न शास्त्र अनुसार मेष ,कर्क ,वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण करना उत्तम माना जाता है। चंद्रमा की महादशा होने पर मोती पहनना अच्छा माना जाता है। चंद्रमा अगर पाप ग्रहों की दृष्टि में है तब भी मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। चंद्रमा अगर जन्म कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी आप मोती धारण सकते हैं। कुंडली में अगर चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो भी चंद्रमा का बल बढ़ाने के लिए मोती धारण कर सकते हैं। वहीं अगर जन्मकुंडली में नीच का चंद्रमा विराजमान हो तो भी मोती नहीं धारण करना चाहिए।
मोती धारण करने के लाभ:
ज्योतिष शास्त्र अनुसार मोती पहनने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। जो लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं उनके लिए सफेद मोती धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है उनके लिए भी मोती धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है और क्रोध भी कम आता है। अगर आप स्टूडेंट हैं तो आपको मोती पहनने से सक्सेस मिल सकती है।
इस विधि से करें मोती धारण:
मोती को चांदी की अंगूठी में, कनिष्ठा अंगुली में शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात्रि को धारण करें। क्योंकि रात को चंद्रमा की शक्तियां बढ़ जाती हैं।
मोती को पूर्णिमा के दिन भी धारण किया जा सकता है।
मोती की अंगूठी को पंचामृत में डुबाकर फिर गंगाजल से शुद्ध कर लें, फिर इसको धारण कर लें।
मोती धारण करने के बाद चंद्रमा से संबंधित दान निकाल कर किसी ब्राह्राण को जरूर दें।
मोती के साथ पीला पुखराज और मूंगा ही धारण कर सकते हैं , अन्य रत्न नहीं ।
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