धर्म-अध्यात्म

जानिए श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

Bhumika Sahu
27 Aug 2021 2:21 AM GMT
जानिए श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
x
भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापरयुग में धरती पर जन्म लिया था. उन्हें भगवान विष्णु का पूर्ण अवतार माना जाता है. श्रीकृष्ण ने अपने जीवनकाल में बहुत बड़े कार्य किए, जिनका मकसद जनकल्याण और लोगों को शिक्षित करना था. यहां जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान श्रीकृष्ण को श्रीहरि का आठवां अवतार कहा जाता है. माना जाता है कि भगवान कृष्ण नारायण का पूर्ण अवतार थे. धरती पर जन्म लेने के बाद कृष्ण अवतार में उन्होंने बहुत सी लीलाएं की. कान्हा से लेकर द्वारकाधीश श्रीकृष्ण बनने तक उन्होंने बहुत कठिन सफर तय किया. श्रीकृष्ण के हर काम के पीछे जनकल्याण की मंशा और संसार के लिए एक संदेश छिपा रहता था. यही वजह है कि श्रीकृष्ण के जीवन के तमाम रोचक तथ्य ​सुनने और पढ़ने को मिल जाते हैं.

हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की कन्हैया के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त सोमवार को पड़ रही है. इस पावन अवसर पर हम आपको बताएंगे श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े ऐसे तथ्य जिनसे आप शायद अनजान हों.
1. कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की कुल 16108 रानियां थीं. वास्तव में उनकी 8 पटरानियां थीं. उनका नाम रुक्मिणी, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था. बाकी सभी को उन्होंने पत्नी का दर्जा दिया था क्योंकि भौमासुर ने उनका अपहरण कर लिया था. जब श्रीकृष्ण ने उन्हें भौमासुर से मुक्त कराया तो वे कहने लगीं कि अब हमें कोई स्वीकार नहीं करेगा तो हम कहां जाएं. इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें पत्नी का दर्जा देकर स्वीकार कर लिया था और जीवनभर उनका जिम्मा उठाया.
2. श्रीकृष्ण ही 64 कलाओं में निपुण बताए गए हैं. कहा जाता है कि उन्होंने ये 64 कलाएं गुरु सांदीपनि से 64 दिनों में सीख लीं थीं. जब वे अपनी शिक्षा पूरी करके वापस लौट रहे थे, तब उन्होंने अपने गुरु सांदीपनि को गुरु दक्ष‍िणा के रूप में उनके मृत बेटे को वापस लौटाया था.
3. भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम हैं, जिनमें कान्हा, कन्हैया, गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, माधव, चक्रधर, देवकीनंदन प्रमुख हैं.
4. देवकी की सातवीं संतान बलराम और आठवीं संतान श्रीकृष्ण थे. कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने माता देवकी ​की विनती पर अपने बाकी के छह भाइयों, जिन्हें कंस ने मार दिया था, उनसे माता देवकी को मिलवाया था. इसके बाद उन्होंने उन भाइयों को मुक्ति दे दी थी.
5. भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज 17 वर्ष की आयु में छोड़ा था. उसके बाद वे सिर्फ एक बार राधारानी से सिर्फ एक बार मिले, लेकिन उनका राधारानी से संबंध ताउम्र आत्मा का रहा. राधारानी को वे अपनी शक्ति और सोच मानते थे.
6. भगवान श्रीकृष्ण से भगवद् गीता सबसे पहले अर्जुन के अलावा हनुमान और संजय ने भी सुनी थी. हनुमान कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ में सबसे ऊपर सवार थे.
7. श्रीकृष्ण 125 साल तक जीवित रहे. उनके अवतार का अंत एक बहेलिया के तीर से हुआ था. माना जाता है कि वो बहेलिया पिछले जन्म में बालि था. जब भगवान राम ने बालि को छिपकर मारा था तो भगवान राम ने कहा था कि अगले जन्म में मेरी मृत्यु भी तुम्हारे हाथों होगी. इसके बाद जब द्वापरयुग में नारायण कृष्ण बनकर आए तो वे जब एक पेड़ पर बैठे थे. तभी बहेलिए ने उनके पैर में बने एक निशान को चिड़िया समझ कर तीर चलाया. वो तीर कृष्ण के पैर में लगा और उसके बाद उन्होंने शरीर त्याग दिया.


Next Story