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धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति घर लाने से पहले जान लें कुछ महत्वपूर्ण बातें
आज से पांच दिवसीय दिवाली महापर्व की शुरआत हो चुकी है। कई जगहों पर आज धनतेरस पर्व मनाया जा रहा है तो कुछ जगहों पर 23 अक्टूबर के दिन यह पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि धनतेरस पर्व के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके भाग्य खुल जाते हैं। इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति घर लेकर आते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस संदर्भ में भी कुछ नियम बताए हैं जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें
बैठी मुद्रा में हो
लक्ष्मी गणेश जी मूर्ति ऐसी है जिसमें वह बैठी मुद्रा में नजर आ रहे हैं। कभी भी ऐसी मुद्रा में मूर्ति न खरीदे जिसमें वह खड़ी मुद्रा में हो।
इस तरह हो गणेश जी की सूंड
मूर्ति खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं ओर मुड़ी हो। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें की सूंड़ में दो घुमाव न हो।
ऐसी खरीदें मां लक्ष्मी की मूर्ति
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति खरीदे जिसमें वह कमल में विराजमान हो और उनके हाथ वर मुद्रा में हो और धनवर्षा कर रहा हो।
गणेश मूर्ति में मूषक जरूर
भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय मूषक यानी चूहा का जरूर ध्यान रखें। मूर्ति में इनके न होने पर दोष लगता है। मूषक की सवारी करते हुए गणेश जी की मूर्ति भी शुभ मानी जाती है।
एक साथ जुड़ी मूर्ति न खरीदे
भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति बिल्कुल न खरीदे जिसमें दोनों एक में ही जुड़ी हो। हमेशा विग्रह यानी अलग-अलग मूर्ति खरीदनी चाहिए।
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदे जिसमें वह उल्लू में सवार हो। ऐसी मूर्ति अलक्ष्मी या काली लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इसके साथ ही खड़ी मुद्रा में मां लक्ष्मी की मूर्ति न खरीदें।