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धीरे-धीरे करके जमाना बदल गया है और हर व्यक्ति अब मशीन का आदी हो गया है
धीरे-धीरे करके जमाना बदल गया है और हर व्यक्ति अब मशीन का आदी हो गया है. परंतु आज भी कई रसोई घरों में सिलबट्टे का इस्तेमाल आपने देखा ही होगा. एक समय में सिलबट्टे का उपयोग बहुत अधिक किया जाता था. परंतु अब समय की कमी और आधुनिकता के चलते सिलबट्टा विलुप्त होता जा रहा है. सिलबट्टे पर पिसे मसाले में बने खाने के स्वाद की तो बात ही अलग है. वास्तु शास्त्र में सिलबट्टे को लेकर कई नियम बताए गए हैं जिनके बारे में हम जानेंगे इंदौर के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित कृष्णकांत शर्मा से.
सिलबट्टे से जुड़े कुछ आसान वास्तु टिप्स
रसोई घर में सिलबट्टे का उपयोग सामान को पीसने और कूटने के लिए किया जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार सिलबट्टे को उत्तर पूर्व दिशा में यानी ईशान कोण में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ जाती है. आप इसे पश्चिम या दक्षिण दिशा में रख सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार लकड़ी का सिलबट्टा उपयोग में लाने पर नीम की लकड़ी का बना सिलबट्टा सबसे अच्छा होता है. नीम के अंदर कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. नीम की लकड़ी से बना सिलबट्टा घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा देता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार सिलबट्टे पर नमक पीसना आवश्यक होता है, और इस नमक का उपयोग घर के भोजन में करना चाहिए. इसके अलावा सिलबट्टे को नमक के पानी से भी धोना चाहिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.वास्तु शास्त्र के अनुसार सिलबट्टे को कभी भी लेटा कर नहीं रखना चाहिए. इसे दीवार के सहारे खड़ा करके ही रखना चाहिए और सिलबट्टा दोनों को हमेशा एक साथ ही रखना जरूरी माना गया है.
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