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इस साल 4 जुलाई, मंगलवार से सावन का महीना शुरू हो चूका है. सावन का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत या सावन का गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा. इस साल सावन की संकष्टी चतुर्थी पर पंचक और भद्रा का भी साया है. इस व्रत में गणेश पूजन के बाद रात को चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें, तभी यह व्रत पूरा होता है. कृष्ण पक्ष में चंद्रमा देर से उगता है, इसलिए भक्तों को चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए अधिक इंतजार करना होगा. लेकिन संकष्टी चतुर्थी की तिथि को लेकर लोग थोड़े असमंजस में हैं. आइए जानते हैं सावन की गजानन संकष्टी चतुर्थी कब है? गणेश पूजा का शुभ समय और चंद्रोदय का समय क्या है?
संकष्टी चतुर्थी जुलाई 2023 मुहूर्त (Sankashti Chaturthi July 2023 Date)
हिंदी पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 जुलाई 2023 दिन गुरुवार को सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन अगले दिन 07 जुलाई 2023 दिन शुक्रवार को सुबह 03 बजकर 12 मिनट पर होगा.
गणेश जी पूजा (सुबह) – सुबह 10.41 बजे – दोपहर 12.26 बजे
संध्या वंदन का समय – रात 07:23 – 08:29
चंद्रोदय का समय – रात्रि 10.12 बजे
गजानन संकष्टी 2023 पंचक
गजानन संकष्टी चतुर्थी पर पंचक भी लगने जा रहा है. पंचक 06 जुलाई 2023 को दोपहर 01:38 बजे शुरू होगा और 10 जुलाई 2023 को सुबह 06:59 बजे समाप्त होगा. शास्त्रों के अनुसार बुद्धि के दाता गणपति की पूजा में पंचक का कोई महत्व नहीं है. ऐसे में शुभ मुहूर्त में व्रत किया जा सकता है.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है. जो लोग इस व्रत को रखकर गणेश जी की पूजा करते हैं उनके कष्ट दूर हो जाते हैं. जीवन में समृद्धि, सुख, समृद्धि आती है. कामकाज में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती हैं. जीवन में अच्छाई बढ़ती है.
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