धर्म-अध्यात्म

10 जून या 11 जून निर्जला एकादशी व्रत कब रखना है सही जानें

Subhi
10 Jun 2022 2:05 AM GMT
10 जून या 11 जून निर्जला एकादशी व्रत कब रखना है सही जानें
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निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। इस साल इसकी दो तिथि मानी जा रही है। दरअसल एकादशी तिथि 10 जून को शुक्रवार की सुबह सात बजकर पच्चीस मिनट से शुरू हो रही है

निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। इस साल इसकी दो तिथि मानी जा रही है। दरअसल एकादशी तिथि 10 जून को शुक्रवार की सुबह सात बजकर पच्चीस मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 11 जून को शाम 5.45 बजे तक रहेगी। इसलिए लोगों में निर्जला एकादशी व्रत की तिथि को लेकर थोड़ा कंफ्यूजन है। दरअसल पंचांग के अनुसार तिथि अगर सूर्योदय से पहले लग रही है तो उसे उदया तिथि कहते हैं।

सूर्योदय के बाद लगने वाली तिथि अगले दिन ही मानी जाती है। एकादशी 10 जून को सूर्योदय के बाद सुबह7.25 पर लग रही है, इसलिए इसे उदया तिथि नहीं माना जाएगा। इसलिए एकादसी व्रत उदया तिथि 11 जून को ही करना उत्तम रहेगा। दरअसल देव कार्यों की तिथि उदयातिथि से मनानी जाती है। निर्जला एकादशी की उदयातिथि 11 जून को ही रहेगी। इसी दिन द्वादशी का क्षय और तेरस भी लग रही है। जिससे अति शुभ मुहूर्त भी बन रहा है।

इस दिन निर्जला व्रत रखें, पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत का संकल्प लें। भगवान को भी पीली वस्तुएं अर्पित करें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अन्न और फलों का भी त्याग रखें। गरीब और जरूरतमंदों को दान करें। अगले दिन द्वादशी में भी स्नान कर श्री हरि अन्न-जल ग्रहण व्रत को परायण करें। ऐसा करने से पापों का नाश होता है।


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