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न्यूज़ क्रेडिट: news18
आज देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है. लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना कर रहे हैं. चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक बप्पा विराजेंगे और दुखों को दूर करेंगे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है. लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना कर रहे हैं. चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक बप्पा विराजेंगे और दुखों को दूर करेंगे. आज के दिन गणेश जी के 108 नामों का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गणेश जी ने 8 प्रमुख अवतार लिए हैं, हर अवतार के नाम का विशेष महत्व है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं गणेश जी के विशेष 8 अवतारों के नाम और उनका महत्व.
गणेश जी के अन्य नाम और अवतार
वक्रतुंड: इसका अर्थ है टेढ़े सूंड वाले, भगवान गणेश जी ने मत्सरासुर को मारने के लिए वक्रतुंड अवतार लिया था. इस अवतार में गणेश जी का वाहन सिंह है.
एकदंत: गणेश जी को एकदंत भी कहते हैं क्योंकि उनका एक दांत परशुराम जी से युद्ध करते समय टूट गया था. हालांकि एकदंत अवतार उन्होंने मदासुर का वध करने के लिए किया था. इस अवतार में उनका वाहन मूषक था.
गजानन: गणपति जी को गजानन भी कहते हैं क्योंकि उनका मुख गज यानि हाथी का है. यह अवतार उन्होंने लोभासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए लिया था. इस अवतार में भी वे मूषक पर सवार थे.
विकट: विकट का अर्थ विकट परिस्थितियों में भी सफल होने से है. इस अवतार में गणेश जी कामासुर को परास्त करते हैं. उनका वाहन मोर है.
लंबोदर: इसका अर्थ है बड़े पेट वाले. गणेश जी ने अजेय क्रोधासुर को हराने के लिए लंबोदर अवतार लिया था.
विघ्नराज: गणेश जी ने देवताओं पर आई विघ्न-बाधाओं को दूर करने के लिए यह अवतार लिया. इस अवतार में उन्होंने ममतासुर को परास्त किया था.
धूम्रवर्ण: मूषक पर सवार होकर गणेश जी ने यह अवतार धारण किया था. उन्होंने अहंतासुर को परास्त किया. इस अवतार में गणेश जी का रंग धुंए के समान था, इसलिए उनका नाम धूम्रवर्ण पड़ा.
महोदर: गणेश जी ने मोहासुर को मारने के लिए महोदार अवतार धारण किया था. इसमें भी उनका वाहन मूषक था.
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