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जब कनिष्ठा उंगली, अनामिका उंगली के पहले पोर से लंबी हो: जिस व्यक्ति की कनिष्ठा
जब कनिष्ठा उंगली, अनामिका उंगली के पहले पोर से लंबी हो: जिस व्यक्ति की कनिष्ठा अंगुली, अनामिका से लंबी होती है वह व्यक्ति लोगों को जरूरत से ज्यादा प्यार देता है. ऐसा लेकिन ऐसा व्यक्ति बहुत गोपनीय भी होता है. वह किसी भी फैसले पर पहुंचने के पहले सोचने का वक्त जरूर लेता है. दूसरों के विचारों से ऐसे व्यक्ति जल्दी प्रभावित नहीं होते और इनकी यही विशेषता इनको आत्मविश्वासी और निडर बनाती है. अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पित रहना ऐसे व्यक्ति के लिए स्वाभाविक है. इन लोगों के जीवन में इनके पार्टनर का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है.
जब कनिष्ठा उंगली, अनामिका उंगली के पहले पोर तक न पहुंच पाये उससे कम हो: जिस व्यक्ति की कनिष्ठा अंगुली अनामिका से छोटी होती है वह व्यक्ति बहुत अच्छा श्रोता होता है. वह लोगों की जरूरतों और परेशानियों को सुनता है और उनका ख्याल रखता है. ऐसा व्यक्ति भावना और तर्क दोनों को महत्व देता है. इन लोगों में माफी देनी की प्रवृती तो होती है लेकिन वह किसी भी बात को जल्दी भूलते नहीं और ऐसे रिश्ते या परिस्थितियां जो उन्हे ठेस पहुंचा सकती हो, उनसे दूरी बना लेते हैं.
जब कनिष्ठा कनिष्ठा उंगली, अनामिका के पहले पोर के बराबर लंबाई में हो: जिस व्यक्ति की कनिष्ठा और अनामिका बराबर होती है वह शांत मन और चित का होता है. ऐसे व्यक्ति के पास अपनी भावना और विचारों को नियंत्रण करनी की कला होती है. इन लोगों को शांत वातावरण में समय व्यतीत करना पसंद होता है. यह संगठित योजनाकार होते हैं और अपने रिश्तों और काम के बीच हमेशा संतुलन बनाए रखते हैं. यह स्वाभाविक आत्मजागरुक होते हैं और भीड़ में अपनी पहचान को कायम रखते हैं.
Apurva Srivastav
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