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पंचांग : हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस प्रकार 10 जून को 'मासिक कृष्ण जन्माष्टमी' है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ है। अतः हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा उपासना की जाती है। साथ ही भगवान वासुदेव के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों का उद्धार करते हैं। उनकी कृपा से भक्तों के जीवन में केवल मंगल ही मंगल होता है। अतः मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रद्धा भाव से मुरली मनोहर की पूजा करनी चाहिए। आइए, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं- ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ अष्टमी की तिथि 10 जून को दोपहर 2 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 11 जून को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ है। अतः 10 जून को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
इस दिन ब्रह्म बेला में उठें और घर की साफ-सफाई करें। इसके पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। फिर हथेली में जल रखकर आचमन कर पीले रंग का वस्त्र धारण करें। अब सर्वप्रथम सूर्यदेव को जल दें। इसके बाद चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार कर दर्पण दिखाने से भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके पश्चात, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, कुमकुम, तुलसी दल, तिल, जौ, अक्षत, हल्दी और चंदन से करें। अंत में आरती अर्चना कर भगवान से सुख, समृद्धि, शांति और भक्ति की कामना करें। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा-दृष्टि से व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।