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- काल भैरव जयंती पर जाने...
आज काल भैरव जयंती है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की जयंती मनाते हैं. इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं. काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता हैं, इनकी पूजा करने से ग्रह दोष, रोग, कष्ट, संकट आदि दूर होते हैं. शत्रुओं पर विजय, भय को दूर करने और सुरक्षा प्राप्ति के लिए काल भैरव की पूजा करना उत्तम होता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ गणेश मिश्र कहते हैं कि काल भैरव की पूजा निशिता काल में करते हैं. आज रात 11 बजकर 40 मिनट से देर रात 12 बजकर 33 मिनट तक काल भैरव की पूजा का मुहूर्त है. इस समय में आप काल भैरव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काल भैरव चालीसा और काल भैरव की आरती करें. मंत्र जाप नहीं कर सकते हैं तो चालीसा और आरती से काल भैरव को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं काल भैरव के प्रभावशाली मंत्र और आरती के बारे में.
काल भैरव के प्रभावशाली मंत्र
ओम कालभैरवाय नम:
ओम भ्रां कालभैरवाय फट्
ओम भयहरणं च भैरव:
धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्।
द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।
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काल भैरव गायत्री मंत्र
ओम शिवगणाय विद्महे गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।
काल भैरव की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।। जय भैरव देवा…
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।। जय भैरव देवा…
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तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।। जय भैरव देवा…
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।। जय भैरव देवा…
सूर्यदेव को खुश करने के उपायआगे देखें...
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।। जय भैरव देवा…
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावे।। जय भैरव देवा…
काल भैरव की जय…बटुक भैरव की जय…काल भैरव की जय.