धर्म-अध्यात्म

पंचक जानिए इसकी समयावधि और प्रभाव महत्त्व

Teja
5 Jan 2022 11:00 AM GMT
पंचक जानिए इसकी समयावधि और प्रभाव महत्त्व
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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज 05 जनवरी से पंचक लग रहा। पंचक काल को ज्योतिषशास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज 05 जनवरी से पंचक लग रहा। पंचक काल को ज्योतिषशास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। इस काल में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ये साल 2022 का पहला पंचक काल है। पंचक काल विशेष खगोलीय स्थित होती है, इसे ज्योतिषशास्त्र में शुभ नहीं माना जाता। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्रमा का कुंभ या मीन राशि में भ्रमण पंचक को जन्म देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को घनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रप और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण काल पंचक माना जाता है। आइए जानते हैं इस माह में लगने वाले पंचक और उसके प्रभाव के बारे में...

आज से लग रहा है पंचक -
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्रमा के धनिष्ठा नक्षत्र में भ्रमण के कारण पंचक लग रहा है। ये पंचक आज 05 जनवरी को शाम 07 बजकर 55 मिनट से पंचक प्रारम्भ हो रहा है। जो कि 10 जनवरी को सुबह 08 बजे तक रहेगा। इन पांच दिनों तक पंचक रहेगा। इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र में लगे पंचक में अग्नि का भय रहता है। इस काल में किए गये मंगलिक कार्य या नये शुरू किए गये कार्य शुभ फलदायी नहीं रहते हैं।
पंचक का प्रभाव -
हिंदू धर्म और भारतीय ज्योतिषशास्त्र में पंचक काल को अशुभ माना जाता है। इस काल में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही है। पंचक काल में दक्षिण की यात्रा नहीं करनी लेकिन अगर किसी कारण यात्रा करनी पड़ जाए तो हनुमान जी के मंदिर में 5 फल चढ़ा कर यात्रा कर सकते हैं। इस काल में घर निर्माण या छत नहीं डलवाना चाहिए। अगर ऐसा करना जरूरी हो तो ऐसा करते समय मजदूरों को मिठाई खिला कर ऐसा करें। इसके साथ ही पंचक में मृत्यु होने को भी अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि रावण की मृत्यु भी पंचक काल में ही हुई थी।


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