धर्म-अध्यात्म

जानिए श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के बारे में रोचक बाते

Tara Tandi
15 July 2022 8:57 AM GMT
जानिए श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के बारे में रोचक बाते
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देशभर में भगवान शिव के सैकड़ों मंदिर स्थापित हैं। हर एक मंदिर की अपनी एक मान्यता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में भगवान शिव के सैकड़ों मंदिर स्थापित हैं। हर एक मंदिर की अपनी एक मान्यता है। इन्हीं प्राचीन मंदिरों में से है दिल्ली एनसीआर गाजियाबाद में स्थित श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर। यह मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस मंदिर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने मात्र से हर कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के बारे में रोचक बातें।

श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर का संबंध रावण से
ग़ाज़ियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर संबंध रावण काल से भी जोड़ा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिंडन नदी के किनारे पुलस्त्य के पुत्र ऋषि विश्रवा ने घोर तपस्या की थी जोकि रावण के पिता थे। इसके साथ ही रावण ने भी पूजा की थी। इसी स्थान को दुधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ के रूप में जानते हैं। माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे। आज यहां पर जमीन से तीन फीट नीचे शिवलिंग मौजूद है।
गाय ने की थी शिवलिंग की खोज
किंवदंती के अनुसार यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां कई साल पहले एक गाय ने अपना दूध एक स्थान पर गिरा देती थी। काफी लंबे समय तक ऐसा होने पर गाय के मालिक ने उस गाय पर नजर रखी। फिर उसने देखा कि उस स्थान में गायों के पहुंचते ही दूध की धार बंध जाती है। यह पूरा किस्सा ग्वाले से गांव वालों को आकर बताया। जिसके बाद गाय के सभी लोग उस स्थान में पहुंच रहे थे। वहीं दूसरी ओर कोट नामक गांव में उच्चकोटि के दसनामी जूना अखाड़े के एक सन्यासी सिद्ध महात्मा को भगवान शिव ने स्वप्न में दर्शन दिए और उस स्थान पर पहुंचने का आदेश दिया। प्रातः इधर गाँव वाले लोग पहुंचे और दूसरी तरफ से महात्मा अपने शिष्यों के साथ इस पावन स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद खुदाई शुरू की गई। खुदाई के बाद शिवलिंग नजर आएं। इसके बाद उनकी वहां स्थापना करके पूजा की जाने लगी।
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में मौजूद है अनोखा कुआं
शिवलिंग वाली जगह खोदने के बाद बुजुर्गों ने कहा कि आसपास कोई जल स्तोत्र भी है। ऐसे में आसपास खुदाई करने पर एक अनोखा कुआं भी मिला। माना जाता है कि कुएं का पानी कभी मीठा तो कभी दूध जैसा स्वाद देता है। आज भी यह कुंआ मठ में स्थित है।
एक पत्थर से बना है मुख्य द्वार
मंदिर के मुख्य द्वार को एक ही पत्थर से तराशा गया है। दरवाजे के बीच में भगवान गणेश को विराजमान किया गया है।
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में स्थित है वेद विद्यापीठ
साल 2002 में श्री शंकराचार्य जयंती ने यहां एक वेद विद्यापीठ की स्थापना की गई थी। इस मंदिर परिसर के तहत श्री दूधेश्वर विश्वविद्यालय में बीस कक्षाएं शुरू की गई हैं। यह एक समृद्ध पुस्तकालय भी है, जिसमें लगभग आठ सौ ग्रंथ हैं। यहां पर वेद शास्त्रों की शिक्षा लेने देश के कोने-कोने से विद्यार्थी आते हैं।
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