धर्म-अध्यात्म

जानिए इंदिरा एकादशी व्रत,तिथि,पारण का समय और महत्व

Kajal Dubey
24 Sep 2021 4:41 PM GMT
जानिए इंदिरा एकादशी व्रत,तिथि,पारण का समय और महत्व
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पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान आने वाली एकादशी (Ekadashi) का विशेष महत्व है. कहते हैं कि पितृ दोष (Pitru Dosh) से पीड़ित लोगों को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का व्रत अवश्य रखना चाहिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान आने वाली एकादशी (Ekadashi) का विशेष महत्व है. कहते हैं कि पितृ दोष (Pitru Dosh) से पीड़ित लोगों को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का व्रत अवश्य रखना चाहिए. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष (Ashwin Month Ekadashi) की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की उपासना की जाती है. पितृपक्ष में आने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आइए जानते हैं इस साल किस दिन है इंदिरा एकादशी, व्रत पारण समय और एकादशी का महत्व.

कब है इंदिरा एकादशी (When Is Indira Ekadashi)
धार्मिक दृष्टि से इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की अराधना और व्रत आदि करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं. इंदिरा एकादशी हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आती है. इस साल 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी. एकादशी का व्रत एक दिन पहले सूर्यास्त के बाद से शुरू होकर एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद खोला जाता है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता है. श्राद्ध पक्ष की इस एकादशी के दिन व्रत रखने से पितरों का आर्शीवाद भी प्राप्ति होता है.
इंदिरा एकादशी तिथि (Indira Ekadashi Tithi)
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 01 अक्टूबर 2021 को 11:03 पी एम
एकादशी तिथि समाप्त- 02 अक्टूबर 2021 को 11:10 पी एम
इंदिरा एकादशी पारण समय (Indira Ekadashi Paran Time)
मान्यता है कि एकादशी का व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद ही खोला जाता है. अगर व्रत का सही से पारण न किया जाए, तो व्रत का फल नहीं मिलता. इसलिए व्रत का पारण भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. इंदिरा एकादशी व्रत का पारण का समय 03 अक्टूबर 2021 को 06:15 एम से 08:37 एम तक होगा. इस दौरान व्यक्ति को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. ब्राह्मण भोज और दान आदि के बाद ही व्रत पारण करना चाहिए.
इंदिरा एकादशी का महत्व (Indira Ekadashi Importance)
हिंदू पंचांग के अनुसार श्राद्ध का समापन 06 अक्टूबर 2021 को होगा और उसी बीच 02 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितृ प्रसन्न होते हैं. इतना ही नहीं, जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं. साथ ही एकादशी का व्रत पापों से भी मुक्ति दिलाता है. इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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