धर्म-अध्यात्म

जानिए किस दिशा में होना चाहिए बेडरूम

Apurva Srivastav
15 Jan 2023 3:19 PM GMT
जानिए किस  दिशा में होना चाहिए  बेडरूम
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पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा

वास्तु के अनुसार शयन कक्ष अर्थात बेडरूम या जहां हम सोते हैं वह कमरा कैसा और किस दिशा में होना चाहिए यह जानना जरूरी है क्योंकि कम इस रूम में कम से कम 7 घंटे व्यतीत करते हैं और इसी से हमारे नींद और सेहत प्रभावित होती है। इसलिए इसका वास्तु के अनुसार होना जरूरी है। कई बार कोई मुद्दा नहीं होता फिर भी पति पत्नी के बीच टेंशन बनी रहती है तो इसका कारण शयन कक्ष का गलत स्थान पर निर्माण या वहां गलत वस्तुओं का होना है। आओ जानते हैं कि शयन कक्ष कैसा और किस दिशा में होना चाहिए।

शयन कक्ष की दिशा : मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए। शयन कक्ष के अंदर भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और 'वो' की ओर इशारा करता है।
कैसा हो शयन कक्ष : शयनकक्ष चौकोर होना चाहिए। बेडरूम की छत गोल नहीं होना चाहिए। बेडरूम में अटैच टॉयलेट नहीं होना चाहिए। अगर इस्तेमाल में न हो तो अटैच टॉयलेट का दरवाजा बंद रखें। बेडरूम को ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम कलर से पेंट करें। गहरे रंगों से बचें। शयनकक्ष साफ सुधरा होना चाहिए। पर्दे, चादर, तकिया, रजाई गादी आदि सभी के रंग भी वास्तु के अनुसार ही रखें।

पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है। पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है। शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए।
कौन-सी वस्तुएं नहीं होना चाहिए?
1. बिस्तर के सामने आईना कतई न लगाएं।
2. डबलबेड के गद्दे दो हिस्सों में न हो।
3. शयन कक्ष में धार्मिक चित्र नहीं होना चाहिए।
4. बेडरूम में लाल रंग का बल्ब नहीं होना चाहिए। नीले रंग का लैम्प चलेगा।
5. खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि नहीं रखें।
6. इस कक्ष में टूटा पलंग नहीं होना चाहिए। पलंग का आकार यथासंभव चौकोर रखना चाहिए। पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए। शयन कक्ष के दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं। लकड़ी से बना पलंग श्रेष्ठ रहता है।
7. शयन कक्ष में झाड़ू, जूते-चप्पल, अटाला, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, टूटे और आवाज करने वाले पंखें, टूटी-फूटी वस्तुएं, फटे-पुराने कपड़े या प्लास्टिक का सामान न रखें।


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