- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- वास्तु के अनुसार जानिए...
x
वास्तुशास्त्र में घर में शौचालय या टॉयलेट के लिए भी उचित स्थान निर्धारित किया गया है. यदि वह नियत स्थान पर न हो, तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वास्तुशास्त्र में घर में शौचालय या टॉयलेट के लिए भी उचित स्थान निर्धारित किया गया है. यदि वह नियत स्थान पर न हो, तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है. इसका नकारात्मक प्रभाव परिवार के सदस्यों पर देखने को मिल सकता है. शौचालय में सीट, नल आदि कहां पर होना चाहिए, इसके बारे में भी बताया गया है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद् डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं शौचालय से जुड़े वास्तु (Vastu) की महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
वास्तु अनुसार कैसा हो शौचालय?
1. घर में शौचालय के लिए दक्षिण या फिर नैऋत्य कोण का मध्य भाग वाला स्थान उत्तम माना जाता है.
2. शौचालय में सीट बैठाने के लिए उत्तर या दक्षिण दिशा उपयुक्त होती है क्योंकि शौच क्रिया के समय व्यक्ति का मुख दक्षिण या उत्तर दिशा में होना चाहिए.
3. घर के मंडप से बाहर यदि आपको शौचालय बनाना है, तो इसके लिए पश्चिम या उत्तर या फिर वायव्य कोण के बीच का हिस्सा ठीक होता है. वहां पर शौचालय बना सकते हैं.
4. शौचालय में नल या पानी का पात्र उत्तर एवं पूर्व कोण पर होना चाहिए.
5. घर में मध्य भाग, ईशान कोण या फिर आग्नेय कोण में शौचालय का निर्माण कराना वास्तु के विपरीत है.
6. शौचालय के लिए घर से बाहर बनाया जाने वाले सेप्टिक टैंक दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में करनी चाहिए. इसे वास्तु सम्मत माना जाता है.
7. किचेन, बेडरूम और पूजा घर के ऊपरी हिस्से या फिर नीचे शौचालय या उसका सेप्टिक टैंक नहीं बनाना चाहिए.
8. सेप्टिक टैंक का निर्माण कभी भी घर की दीवार से सटाकर नहीं करना चाहिए. इससे वास्तु दोष पैदा होता है.
9. सेप्टिक टैंक घर की दीवार को छोड़कर थोड़ा अंदर रख सकते हैं. इसे जमीन के अंदर ही रखना उचित होता है.
10. सेप्टिक टैंक की लंबाई पूर्व और पश्चिम हो और चौड़ाई दक्षिण तथा पश्चिम में कम होनी चाहिए.
Tara Tandi
Next Story