धर्म-अध्यात्म

जानें वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए बाथरूम

Tulsi Rao
12 Dec 2021 5:07 AM GMT
जानें वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए बाथरूम
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वास्तुशास्त्र में घर के हर हिस्सों का महत्व है. घर के किसी भी जगह का वास्तु दोष परिवार को लोगों पर बुरा प्रभाव डालते हैं. अगर घर को बनवाते वक्त वास्तु का ख्याल रखा जाए तो घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और सदस्यों की तरक्की होती रहती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वास्तु के मुताबिक किसी भी परिस्थिति में किचन के सामने या बगल में बाथरूम होना चाहिए. साथ ही बाथरूम में टॉयलेट की सीट हमेशा पश्चिम में या उत्तर-पश्चिम में रखना अच्छा रहता है. बाथरूम नल से पानी टपकना अच्छा नहीं होता है. इससे आर्थिक नुकसान होता है. इसलिए इसे तुरंत सही करवाना चाहिए.

दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा न हो बाथरूम
वास्तु शास्त्र के मुताबिक बाथरूम दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी नहीं बनवाना चाहिए. इसका वास्तु दोष परिवार के लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है. यदि घर में पहले से ही ये दक्षिण दिशा में बाथरूम बना है तो इसके पास कोई काली वस्तु रख दें. जिससे कि इसका निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाए.
दक्षिण दिशा में न हो बाथरूम
वास्तु शास्त्र के मुताबित दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है, इसलिए इस दिशा में नहाने का टब या शॉवर न लगवाएं. साथ ही बाथरूम का पेंट करवाते वक्त हमेशा लाइट कलर को चुनें. आमतौर पर ब्राउन और वाइट रंग को बाथरूम में इस्तेमाल करना अच्छा माना गया है.
इस रंग के होने चाहिए बाथरूम में शीशे
वास्तु मुताबिक बाथरूम में नीले रंग का टब या बाल्टी रखना शुभ है. इससे घर में बरकत रहती है. बाथरूम में काले और लाल रंग की बाल्टी या टब का इस्तेमाल करना अशुभ है. इसके अलावा बाथरूम में शीशे को इस तरह लगवाएं कि उसमें टॉयलेट की सीट न दिखे. साथ ही बाथरूम की सफाई का पूरा ध्यान रखें
लकड़ी के दरवाजे
वास्तु के मुताबिक बाथरूम का गेट उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए. लोहे की जगह लकड़ी के दरवाजे लगाना शुभ है. इसके अलावा बाथरूम के दरवाजों पर देवी-देवताओं भूलकर भी नहीं लगवानी चाहिए. बाथरूम के दरवाजों को हमेशा बंद रखना चाहिए. साथ ही हर बाथरूम में खिड़की होनी चाहिए. खिड़की पूर्व, उत्तर या पश्चिम की ओर खुलनी चाहिए.


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