धर्म-अध्यात्म

जानें अग्नि में डाला गया भोजन पितरों को कैसा मिलता

SANTOSI TANDI
9 Oct 2023 7:31 AM GMT
जानें अग्नि में डाला गया भोजन पितरों को कैसा मिलता
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गया भोजन पितरों को कैसा मिलता
सनातन धर्म में पितरों की पूजा के लिए पितृपक्ष का माह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पितृपक्ष कुल 16 दिनों का होता है, जिसमें पितृ पितृलोक से पृथ्वीलोक पर अपने वंशज से मिलने के लिए आते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और आदर के साथ पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करता है। उसपर पूर्वजों की विशेष कृपा बनी रहती है। पितृपक्ष में पितरों की तिथि के हिसाब से ब्राह्मण भोजन कराने का विधि-विधान है।
जिससे कुल को सुख-शांति और वंश वृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर अग्नि में डाला भोजन और ब्राह्मणों द्वारा पितरों को अन्न-जल कैसे प्राप्त होता है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि पितरों को भोजन की प्राप्ति कैसे होती है।
अग्नि से डाला भोजन पितरों को कैसे मिलता है?
हिंदू परंपरा के अनुसार, श्राद्ध के भोजन का कुछ अंश अग्नि में डाला जाता है। ऐसी मान्यता है कि अग्नि के माध्यम से भोजन हमारे पूर्वजों तक पहुंचता है। पौराणिक मान्यता के हिसाब से सबसे पहले श्राद्ध राजा निमि ने अत्रि मुनि के कहने पर किया था। उन्हें देखकर सभी लोग श्राद्ध करने लगे और धीरे-धीरे सभी लोग पितृपक्ष में श्राद्ध की विधि पूरी श्रद्धा के साथ करने लगे।
ऐसा कहा जाता है कि लगातार श्राद्ध का भोजन करने से पितृ पूरी तरह से तृप्त हो गए और लगातार भोजन करने से पितरों बीमार हो गए और उन्हें खाना न पचने का रोग हो गया। जिससे उन्हें बेहद कष्ट होने लगा।
भोजन न पचने पर पितृ ब्रह्माजी के पास गए और उन्हें समस्या बताई और कहा कि आप कोई ऐसा उपाय बताइए, जिससे हमारी पाचन शक्ति ठीक हो जाए और अजीर्ण रोग से छुटकारा मिले।
पितरों की बात सुनकर ब्रह्माजी ने कहा कि अब से तुम्हारे साथ अग्निदेव भी श्राद्ध का भोजन करेंगे। अग्निदेव के साथ भोजन करने से आप लोगों को अजीर्ण रोग से मुक्ति मिल जाएगी और आप सभी ठीक हो जाएंगे।
इस तरह ब्रह्माजी ने पितरों की समस्या को दूर की। ऐसा कहा जाता है कि अग्नि में श्राद्ध का भोजन डालने से पितृ (पितृदोष उपाय) और अग्निदेव साथ-साथ भोजन करते हैं और ये परंपरा आज भी निभाई जाती है, ताकि पितृ भोजन कर अपने वंशजों को आशीर्वाद दें।
पितृपक्ष में ब्राह्मणों के साथ इन्हें जरूर दें भोजन
पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मणों को ही नहीं, बल्कि जीवों को भी अन्न जरूर खिलाना चाहिए। हिंदू मान्यताओं को हिसाब से पितरों को लिए निकाले जाने वाले भोजन के अंश को पंचबलि कहा जाता है। जो व्यक्ति गाय,कुत्ता, कौआ, चीटीं और देवताओं के लिए भोजन का अंश खिलाता है। उनसे पितृ बहुत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा पितृपक्ष में पक्षियों को भी दाना जरूर देना चाहिए। इससे पूर्वज तृप्त होते हैं और उन्हे मोक्ष (मोक्ष प्राप्ति उपाय) की प्राप्ति होती है।
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