धर्म-अध्यात्म

जानिए भगवान राम और सीता की विवाह के समय कितनी थी आयु

Khushboo Dhruw
10 May 2021 6:13 PM GMT
जानिए भगवान राम और सीता की विवाह के समय कितनी थी आयु
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रामायण का हर किरदार लोगों के जेहन में बसा है. भगवान राम को लेकर हमारे यहां हजारों मिथक गढ़े गए हैं

रामायण का हर किरदार लोगों के जेहन में बसा है. भगवान राम को लेकर हमारे यहां हजारों मिथक गढ़े गए हैं. राम इतने प्रासंगिक हैं कि बच्चा-बच्चा उनके पराक्रम से परिचित है. हम सभी ने पर्दे पर रामायण धारावहिक को देखा है. मगर भगवान को लेकर कई सवाल हमारे मन में रह जाते हैं. ऐसा ही एक सवाल सभी के मन में घूमता रहता है और वो सवाल यह है कि जब राम की शादी सीता से हुई थी, तब दोनों की उम्र कितनी थी?

भगवान श्री राम और माता सीता के रिश्ते की मिसाल दी जाती है. कहा जाता है की जीवन में हर पति पत्नी के बीच भगवान राम और माता सीता की तरह प्रेम और विश्वास होना चाहिए.
विवाह के समय कितनी उम्र
माता सीता के विवाह के लिए रखे गए स्वयंवर में श्री राम ने शिव धनुष को भंग कर माता सीता से विवाह किया था. रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने एक दोहा लिखा है, जिसे राम और सीता की आयु के बीच कितना अंतर था, यह साफ हो जाता है. मगर विवाह के समय दोनों की उम्र कितनी थी इसके बारे में वाल्मीकि रामायण में मालूम चलता है.
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरितमानस में एक दोहा आता है- "वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम || कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम" ||
इस दोहे से यह साफ हो जाता है कि श्री राम और सीता की उम्र के बीच लगभग 9 वर्ष का अंतर था. मगर इनकी शादी किस उम्र में हुई थी. इसके बारे में वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी.
वाल्मीकि रामायण के अनुसार
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, 18 वर्ष की आयु में माता सीता भगवान राम के साथ वन में चली गई थीं. 14 वर्षों के बाद वो वनवास से लौटीं और 33 वर्ष की आयु में अयोध्या की महारानी बनीं.
वाल्मीकि रामायण के अरण्यकांड में प्रभु राम और माता सीता की उम्र को लेकर एक प्रसंग मिलता है. इस प्रसंग में सीता, साधु के रूप में आए रावण को अपना परिचय इस प्रकार देती हैं.
उषित्वा द्वादश समा इक्ष्वाकूणां निवेशने।
भुंजना मानुषान् भोगान् सर्व कामसमृद्धिनी।1।
तत्र त्रयोदशे वर्षे राजामंत्रयत प्रभुः।
अभिषेचयितुं रामं समेतो राजमंत्रिभिः।2।
परिगृह्य तु कैकेयी श्वसुरं सुकृतेन मे।
मम प्रव्राजनं भर्तुर्भरतस्याभिषेचनम्।3।
द्वावयाचत भर्तारं सत्यसंधं नृपोत्तमम्।
मम भर्ता महातेजा वयसा पंचविंशक:।
अष्टादश हि वर्षाणि मम जन्मनि गण्यते।।
वनवास के समय कितनी थी आयु
सीता रावण से कहती हैं कि विवाह के बाद 12 वर्ष तक इक्ष्वाकुवंशी महाराज दशरथ के महल में रहकर मैंने अपने पति के साथ सभी सुख भोगे हैं. मैं वहां सदा मनोवांछित सुख-सुविधाओं से संपन्न रही हूं. इसके बाद वो कहती हैं कि वन जाते समय मेरे पति की आयु 25 साल थी और मेरे जन्म काल से लेकर वन के लिए प्रस्थान के वक्त तक मेरी अवस्था वर्ष गणना के अनुसार 18 साल की हो गई थी.


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