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धर्म-अध्यात्म
मृत्यु के बाद जानिए कितनी मुश्किल होती है अंतिम यात्रा
Tara Tandi
30 Jun 2021 7:31 AM GMT
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गरुड़ पुराण में पापी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी इतनी भयानक स्थिति का वर्णन किया गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| गरुड़ पुराण में पापी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी इतनी भयानक स्थिति का वर्णन किया गया है, जिसके बारे में जानकर ही आप कांप उठेंगे. गरुड़ पुराण के मुताबिक पिंड दान के बाद व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर बनता है. इस शरीर में बसकर पापी व्यक्ति की आत्मा को इतनी दूरी का भयानक सफर तय करना पड़ता है, जितना वो अपने पूरे जीवन में भी कभी नहीं चलता. यहां जानिए इसके बारे में.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे 24 घंटों के लिए यमलोक ले जाया करता है और उसके जीवनभर के कर्मों का लेखा जोखा दिखाया जाता है. इसके बाद कर्म के हिसाब से उसके लिए स्वर्ग, नर्क या पितृलोक का निर्धारण किया जाता है. इसके बाद वापस 13 दिनों तक के लिए धरती पर भेज दिया जाता है.
13 दिनों बाद पापियों को करनी पड़ती है ये कष्टदायी यात्रा
इन 13 दिनों में उसके परिजनों द्वारा किए गए पिंडदान से उसका सूक्ष्म शरीर तैयार होता है और आत्मा उसमें प्रवेश कर जाती है. 13 दिनों के बाद पुण्य कर्म वालों को स्वर्ग के सुख भोगने के लिए भेज दिया जाता है. वहीं पापी व्यक्ति को यमलोक की यात्रा पैदल चलकर तय करनी पड़ती है. इस बीच उसे 99 हजार योजन है यानी 11 लाख 99 हजार 988 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. इस यात्रा को पूरा करने में उसे एक साल लग जाता है.
इन कष्टों से गुजरती है आत्मा
इस यात्रा के बीच आत्मा को तमाम गांवों से होकर उसे गुजरना होता है. इन गांवों में प्रलयकाल के समान कई सूर्य चमकते हैं. आत्मा को उनसे बचने के लिए न छाया मिलती है, न कहीं आराम करने की जगह और न ही पीने के लिए पानी मिलता है. इस रास्ते में एक असिपत्र नाम का वन भी पड़ता है. जहां भयानक आग होती है, कौआ, उल्लू, गिद्ध, मधुमक्खी, मच्छर वगैरह मिलते हैं, जो आत्मा को परेशान करते हैं. इनसे बचने के लिए आत्मा कभी मल-मूत्र तो कभी खून से भरे कीचड़ और कभी अंधेरे कुंए में गिरकर छटपटाती है. यदि इन कष्टों से बचना है तो जीवन में हमेशा धर्म के मार्ग पर चलें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Tara Tandi
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