धर्म-अध्यात्म

विभिन्न राज्यों बसंत पंचमी मनाई जाती है जाने कैसे

Teja
25 Jan 2022 1:26 PM GMT
विभिन्न राज्यों बसंत पंचमी मनाई जाती है जाने कैसे
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बसंत पंचमी (Basant Panchami) का हिंदू धर्म में काफी महत्व है.


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बसंत पंचमी (Basant Panchami) का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. बसंत पंचमी भारत में किसानों के बीच सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है. इस साल (Basant Panchami 2022) बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी. ये त्योहार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. हिंदू धर्म के कई अनुयायी संगीत, ज्ञान, कला, विद्या, वाणी और ज्ञान की देवी सरस्वती (Maa Saraswati ) के समर्पण में भी इस दिन को मनाते हैं. इस दिन पीले रंग का महत्व होता है. इस अवसर पर सरसों के खेत लहलहा उठते हैं. लोग इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा भी करते हैं. बसंत पंचमी के दिन तरह-तरह के स्वादिष्ट मिठाइयां बनाई जाती हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इस दिन हमारी दुनिया और ब्रह्मांड की रचना की थी. कुछ पौराणिक कथाएं ये भी कहती हैं कि देवी सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी के दिन हुआ था, जो भारतीयों के बीच त्योहार के महत्व को बढ़ाता है. ये दिन कई कार्यों को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है जैसे किसी नए काम की शुरुआत करना, शादी की रस्में शुरू करना और गृह प्रवेश समारोह करना आदि.
पंजाब और हरियाणा
पंजाब और हरियाणा में ये त्योहार बहुत घूमधाम से मनाया जाता है. लोग सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और पास के गुरुद्वारे या मंदिर में भगवान से आशीर्वाद लेने जाते हैं. त्योहार का आनंद लेने के लिए दोस्त, परिवार और पड़ोसी से मिलते हैं. बड़े और बच्चे सभी पतंग उड़ाते हैं. लोक गीत गाते और नृत्य करते हैं. इस दिन तैयार किए गए कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों में मक्के की रोटी और सरसों का साग, खिचड़ी और मीठे चावल आदि शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश और राजस्थान
इन राज्यों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती. लोग पतंगबाजी प्रतियोगिता का हिस्सा बनते हैं. इस दिन सब पीले कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और नृत्य करते हैं. उत्तर प्रदेश में कई भक्त बसंत पंचमी पर भगवान कृष्ण की पूजा करते हुए केसर चावल चढ़ाते हैं. इस दिन पीले गेंदे से घर और प्रवेश द्वार सजाए जाते हैं. राजस्थान में लोग चमेली की माला पहनते हैं.
पश्चिम बंगाल
दुर्गा पूजा के समान पश्चिम बंगाल के कई शहरों में देवी सरस्वती की मंत्रमुग्ध कर देने वाली मूर्ति के साथ एक पंडाल का निर्माण किया जाता है. लोग बड़ी संख्या में देवी मां की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. मीठे पीले चावल और बूंदी के लड्डू चढ़ाते हैं. इस राज्य में कई समुदायों में त्योहार मनाने के लिए कम से कम 13 व्यंजन बनाने की रस्म होती है.
बिहार
बिहार में लोग सुबह जल्दी उठकर और देवी सरस्वती की पूजा करके अपने दिन की शुरुआत करते हैं. वे प्रार्थना के दौरान बूंदी के लड्डू और खीर चढ़ाते हैं और इन्हें परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बीच बांटते हैं. कई समुदाय शाम को एक मैदान या पार्क में ढोल के साथ त्योहार मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं. लोग नाचते हैं, गाते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं.
उत्तराखंड
बसंत पंचमी लोगों के लिए बहुत खुशी लेकर आता है. ये उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. लोग यहां फूल, पत्ते और पलाश की लकड़ी चढ़ाकर देवी सरस्वती की पूजा करते हैं. कई भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा भी करते हैं. लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं, माथे पर पीले रंग का तिलक लगाते हैं और पीले रुमाल का इस्तेमाल करते हैं. स्थानीय लोग उत्सव में नृत्य करते हैं, केसर हलवा तैयार करते हैं और पतंग उड़ाते हैं.


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