धर्म-अध्यात्म

जानिए देश के विभिन्न राज्यों में किन नामों से मनाया जाता है रक्षाबंधन

Tara Tandi
3 Aug 2022 5:00 AM GMT
जानिए देश के विभिन्न राज्यों में किन नामों से मनाया जाता है रक्षाबंधन
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भारत विविधताओं का देश है. यहां शादी-विवाह, पूजा-पाठ और पर्व-त्योहार सभी अलग-अलग नियम और परंपरा से जुड़े होते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत विविधताओं का देश है. यहां शादी-विवाह, पूजा-पाठ और पर्व-त्योहार सभी अलग-अलग नियम और परंपरा से जुड़े होते हैं. हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) को खास माना गया है. श्रावण पूर्णिमा के दिन हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मना जाता है. इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, लेकिन भारत में सावन पूर्णिमा के दिन केवल रक्षाबंधन का त्योहार ही नहीं मनाया जाता है, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में इस दिन विभिन्न नामों के साथ पर्व मनाए जाते हैं. रक्षाबंधन को किसी प्रांत में नारियल पूर्णिमा कहा जाता है तो कहीं इसे अबित्तम के नाम से जाना जाता है. आइये दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं देश के अलग-अलग राज्यों में रक्षाबंधन को किन नामों से मनाया जाता है.

नारियल पूर्णिमा
रक्षाबंधन को भारत के पश्चिमी भाग में नारियल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन समुद्री क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरे इंद्र देव और वरुण देव की पूजा करते हैं. पूजा में समुद्र में नारियल फेंके जाते हैं.
कजरी पूर्णिमा
वहीं उत्तर भारत में सावन पूर्णिमा के दिन को कजरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन किसान देवी दुर्गा से अच्छी फसल की कामना करते हैं और खेत में अनाज बोया जाता है.
पवित्रोपन्ना
गुरजात में रक्षाबंधन को पवित्रोपन्ना कहा जाता है. इसमें लोग इस दिन रुई को पंचगव्य में डूबोकर शिवलिंग के चारों ओर बांधते हैं.
अबित्तम
दक्षिण भारत में सावन पूर्णिमा के दिन नया जनेऊ धारण करने की परंपरा है. ब्राह्मण रक्षाबंधन के दिन पुराने जेनऊ का त्याग कर नया जनेऊ धारण करते हैं. माना जाता है कि इससे भगवान और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है.
रक्षाबंधन
भारत के दूसरे प्रांतों में भले ही रक्षाबंधन के दिन अलग-अलग परंपराओं के साथ पूजा की जाती है, लेकिन सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में मनाया जाता है.
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