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हिंदी पंचांग के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है।
हिंदी पंचांग के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन गणेश उत्सव का समापन भी होता है, लोग गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते हैं। अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 19 सितंबर, दिन रविवार को पड़ रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन लोग भगवान विष्णु का व्रत रखते हुए, उनका पूजन करते हैं और अपने हाथ में लम्बी आयु तथा सभी बाधाओं से मुक्ति का अनंत सूत्र बांधते हैं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 19 सितंबर को पड़ रहा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 20 सितंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इस के बाद पूर्णिमा की तिथि लग जाएगी। इस दिन पूजन के शुभ मुहूर्त ये रहेंगे....
अभिजीत मुहूर्त - 11:56 AM – 12:44 PM
अमृत काल - 08:14 PM – 09:50 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:42 AM – 05:30 AM
पूजन विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि निवृत्त हो कर पूजा स्थल पर एक कलश की स्थापना करें। इस कलश पर एक धातु का पात्र रख कर उस पर कुश से भगवान अनंत की स्थापना करनी चाहिए। भगवान विष्णु के शेष नाग को ही अनंत कहा जाता है, आज के दिन उनकी पूजा का विधान है। अनंत भगवान को सूत या रेशम के धागे को हल्दी या केसर से रंग कर उसमें चौदह गांठ लगाएं। इस अनंत सूत्र को भगवान को समर्पित कर पंचोपचार या षोढ़शोपचार विधि से पूजन करें। इस दिन अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा एवं विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है। पूजन के बाद दीर्ध आयु और समस्त कष्टों के निवारण के लिए अनंत सूत्र को हाथ में बांधा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
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