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जब भी घर का निर्माण कराया जाता है, तो उसे वास्तु (Vastu) सम्मत रखने का प्रयास किया जाता है. वास्तु सम्मत घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब भी घर का निर्माण कराया जाता है, तो उसे वास्तु (Vastu) सम्मत रखने का प्रयास किया जाता है. वास्तु सम्मत घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं. उस घर में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि भी होती है. घर आने वाले मेहमानों के लिए बड़े मकानों में गेस्ट रूम या ड्राइंग रूम की व्यवस्था होती है. ड्राइंग रूम भी आपके घर का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. इसे हम सजाकर रखते हैं, ताकि आने वाले मेहमानों को वह स्थान अच्छा लगे. एक तरीके से हम मेहमानों के मन में अपने घर और सदस्यों की अच्छी छवि बनाना चाहते हैं. यह अच्छी बात है, लेकिन ड्राइंग रूम का वास्तुशास्त्र (Drawing Room Vastu Tips) के अनुरूप होना भी जरूरी है.
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद् डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि घर का ड्राइंग रूम कैसा होना चाहिए और वास्तु अनुसार ड्राइंग रूम में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ड्राइंग रूम के वास्तु उपाय
1. सबसे पहली बात यह है कि ड्राइंग रूम का निर्माण ईशान कोण से पूर्व की ओर और उत्तर से वायव्य कोण की ओर होना चाहिए.
2. ड्राइंग रूम हवादार होना चाहिए. इसमें लगाई जाने वाली खिड़िकियां और झरोखे उत्तर या फिर पूर्व दिशा में होनी चाहिए. ऐसा होने से पर्याप्त प्रकाश और हवा इसके अंदर आएगी.
3. ड्राइंग रूम का निर्माण कुछ इस प्रकार से कराना चाहिए कि उसका फर्श और छत अन्य कमरों की तुलना में नीचा हो.
4. ड्राइंग रूम नैऋत्य कोण यानी दक्षिण और पश्चिम के कोण की दिशा में नहीं रखना चाहिए. यह हानिकारक होता है.
5. ड्राइंग रूम का मुख्य गेट पूर्व दिशा में या फिर उत्तर दिशा में रखना चाहिए.
6. ड्राइंग रूम में मेहमानों को बैठने के लिए सोफा, कुर्सी, दीवान आदि की व्यवस्था दक्षिण और पश्चिम दिशा में करना चाहिए.
7. ड्राइंग रूम में घर के मुखिया के बैठने का स्थान उस जगह पर रखना चाहिए, जहां पर बैठने से उसका मुख उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर रहे.
8. ड्राइंग रूम वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए. कुछ नया करने के उद्देश्य से ड्राइंग रूम का आकार अजीबोगरीब नहीं रखना चाहिए. इससे वास्तु दोष पैदा होता है.
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