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धर्म-अध्यात्म
जानिए मोढेरा सूर्य मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में
Ritisha Jaiswal
14 Dec 2021 3:18 PM GMT
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भारत में दो विश्वप्रसिद्ध सूर्य मंदिर हैं। एक है, देश के पूर्वी छोर पर उड़ीसा राज्य में स्थित प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर और दूसरा है,
भारत में दो विश्वप्रसिद्ध सूर्य मंदिर हैं। एक है, देश के पूर्वी छोर पर उड़ीसा राज्य में स्थित प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर और दूसरा है, देश के पश्चिमी छोर पर गुजरात राज्य में पाटन से 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित मोढेरा सूर्य मंदिर। मेहसाणा जिले में पुष्पावती नदी के किनारे स्थित यह मंदिर अपने उत्कृष्ट वास्तुशिल्प के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
पूरे मंदिर में उत्कीर्ण नक्काशी परम्परा और धार्मिक आस्था का नायाब समन्वय है। यह मंदिर एक समय में पूजा-अर्चना, नृत्य और संगीत से भरपूर जाग्रत मंदिर था। पाटन, गुजरात के सोलंकी शासक सूर्यवंशी थे और सूर्यदेव को कुलदेवता के रूप में पूजते थे। इसलिए सोलंकी राजा भीमदेव ने सन 1026 ईस्वी में इस सूर्य मंदिर की स्थापना कराई थी।
इस मंदिर का न्याधार (स्तंभ के नीचे की चौकी) उल्टे कमल पुष्प के समान है। उल्टे कमल रूपी आधार के ऊपर लगे फलकों पर असंख्य हाथियों की मूर्तियां बनी हुई हैं। इसे गज पेटिका कहा जाता है। इन्हें देख ऐसा प्रतीत होता है, मानो असंख्य हाथी अपनी पीठ पर सूर्य मंदिर को धारण किए हुए हैं। मंदिर की संरचना ऐसी की गई है कि विषवों के समय, यानी 21 मार्च व 21 सितम्बर के दिन सूर्य की प्रथम किरणें गर्भगृह में स्थित मूर्ति के ऊपर पड़ती हैं। यह मंदिर तीन मुख्य भागों में बंटा है। प्रथम भाग है- गर्भगृह तथा एक मंडप से सुसज्जित मुख्य मंदिर, जिसे गूढ़ मंडप भी कहा जाता है। अन्य दो भाग हैं- सभा मंडप और एक बावड़ी। जब मंदिर का प्रतिबिम्ब इस बावड़ी के जल पर पड़ता है, तब वह दृश्य सम्मोहित कर देता है। बावड़ी की सीढ़ियां अनोखे ज्यामितीय आकार में बनाई गई हैं। सीढ़ियों पर छोटे-बड़े 108 मंदिर बने हैं। इनमें कई मंदिर भगवान गणेश और शिव को समर्पित हैं। सूर्य मंदिर के ठीक सामने की सीढ़ियों पर शेषशैया पर विराजमान भगवान विष्णु का मंदिर है। एक मंदिर शीतला माता का भी है। मंदिर के गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा पथ है। इसका सभामंडप एक अष्टभुजीय कक्ष है। इसमें 52 स्तंभ हैं, जो वर्ष के 52 सप्ताहों को दर्शाते हैं।
कैसे पहुंचें: निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद है। निकटतम रेलवे स्टेशन अहमदाबाद है, जो लगभग 102 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अहमदाबाद से ही यहां के लिए बस व टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
Ritisha Jaiswal
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