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धर्म-अध्यात्म
जानिए चालिया महोत्सव की पौराणिक कथा के बारे में
Ritisha Jaiswal
16 July 2022 2:06 PM GMT
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16 जुलाई 2022 से चालिया महोत्सव शुरू होने जा रहा है. चालिया महोत्सव सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व है
16 जुलाई 2022 से चालिया महोत्सव शुरू होने जा रहा है. चालिया महोत्सव सिंधी समाज का सबसे बड़ा पर्व है. चालिया महोत्सव 40 दिन तक चलता है. इस बार 16 जुलाई से शुरू होने वाला चालिया महोत्सव पर्व 24 अगस्त तक चलेगा. चालिया महोत्सव भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. भगवान झूलेलाल सिंधियों के इष्ट देवता हैं. इस दौरान सिंधी समाज के लोग भगवान झूलेलाल की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. चालिया महोत्सव के दौरान मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. आइये जानते हैं आचार्य गुरमीत सिंह से चालिया महोत्सव के पीछे क्या है पौराणिक कथा?
चालिया महोत्सव की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सिंधी शासक मिरक के अत्याचारों से प्रजा को बचाने के लिए भगवान झूलेलाल ने वरुणदेव का अवतरण लिया था. शासक मिरक अपनी प्रजा पर बर्बरता करता, उन पर अत्याचार करता था. इससे मुक्ति पाने के लिए लोगों ने 40 दिन तक पूजा पाठ, जप, व्रत आदि किए थे.
इससे प्रभावित होकर मछली पर भगवान झूलेलाल प्रकट हुए और उन्होंने भक्तों से कहा कि वह 40 दिन बाद सिंधी समाज में जन्म लेंगे. इसके ठीक 40 दिन बाद चैत्र सुदी दूज पर उनके बताए स्थान पर एक बच्चे ने जन्म लिया. उस बच्चे का नाम उदय रखा गया. फिर उनकी लीला के कारण उनका नाम झूलेलाल रखा गया.
कैसे मनाया जाता है चालिया महोत्सव
कथाओं के अनुसार, भगवान झूलेलाल इन दिनों वरुणदेव का अवतरण करते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. चालिया महोत्सव 40 दिन का पर्व है. इन 40 दिन तक भगवान झूलेलाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मंदिरों में विशेष अखंड ज्योत जलाई जाती है और हर शुक्रवार को भगवान का अभिषेक किया जाता है.
इस दौरान सिंधी समाज के लोग व्रत-उपवास रखते हैं. सुबह शाम झूलेलाल भगवान की कथा सुनते हैं. कहा जाता है कि जो भी भक्त 40 दिन तक भगवान झूलेलाल की पूजा करता है, उसके सभी कष्ट दूर होते हैं.
TagsChalia Festival
Ritisha Jaiswal
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