धर्म-अध्यात्म

जानिए वैजयंती माला के लाभकारी उपायों के बारे में

Bhumika Sahu
26 Nov 2021 5:54 AM GMT
जानिए वैजयंती माला के लाभकारी उपायों के बारे में
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वैजयंती माला भगवान विष्णु और कृष्ण जी को बहुत प्रिय है। वैजयंती का पुष्प सफेद रंग का कुछ नीलिमा लिए हुए होता है। यह बहुत ही सुंदर लगता है। इसके छोटे-छोटे बीज बहुत ही उपयोगी होते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैजयंती माला भगवान विष्णु और कृष्ण जी को बहुत प्रिय है। वैजयंती का पुष्प सफेद रंग का कुछ नीलिमा लिए हुए होता है। यह बहुत ही सुंदर लगता है। इसके छोटे-छोटे बीज बहुत ही उपयोगी होते हैं। इनके बीजों से ही माला बनाई जाती है। ज्योतिष में वैजयंती माला को लेकर बहुत कुछ लिखा गया है। जानिए वैजयंती माला के ऐसे ही लाभकारी उपायों के बारे में।

-वैजयंती माला मन को शांति देती है। इसे धारण करने से मन शांत हो जाता है। यदि मन में नकारात्मक भाव आते हैं तो ऐसे लोगों को भगवान विष्णु के मंत्र ओम् नमो भगवते वासुदेवाय से अभिमंत्रित करके सोमवार अथवा मंगलवार को यह माला धारण करनी चाहिए।
-वैजयंती के बीज अथवा माला लक्ष्मी कारक भी मानी जाती है। जिन व्यक्तियों के जीवन में हमेशा धन का अभाव बना रहता है अथवा सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियां बहुत होती हैं उन्हें वैजयंती की माला धारण करनी चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
-वैजयंती की माला क्रोध को शांत करती है। जिन व्यक्ति को जल्दी गुस्सा आता है, स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहता है। ऐसे लोगों को यह माला धारण करनी चाहिए। वैजयंती की माला व्यक्ति को शांत चित्त और संतुष्टि प्रदान करती है।
- जिन महिलाओं की आजीविका अध्यापन कार्य हो, उन्हें वैजयंती माला पहननी चाहिए। इससे उनके अंदर सकारात्मक भाव, छात्रों के प्रति स्नेह और मर्यादित जीवन का लाभ मिलता है।
- जिन युवतियों का अथवा युवाओं का विवाह होने में विलंब हो रहा हो उन्हें भी बृहस्पतिवार अथवा शुक्रवार को विशेष मंत्रों से अभिमंत्रित करके वैजयंती माला पहननी चाहिए। इससे शीघ्र विवाह की संभावनाएं बनेंगी।
- लेखक और कवियों को भी वैजयंती माला पहनने से लाभ होता है। मन में तरह-तरह के विचार स्वत: ही प्रस्फुटित होने लगते हैं।
-वैजयंती के कुछ दाने लक्ष्मी जी के मंत्र से सिद्ध करके अपनी दुकान के गल्ले में अथवा पूजा घर में रखने से घर में बरकत बनी रहती है। वैजयंती की माला अथवा बीज को प्रयोग करने से पहले भगवान विष्णु के विशिष्ट मंत्रों से अभिमंत्रित कर धारण करना चाहिए। तभी उनका पूर्ण फल मिलता है। कभी भी भूलकर वैजयंती की माला का अपमान न करें और हाथ धोकर ही इस को स्पर्श करें।


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