धर्म-अध्यात्म

जानिए हरिशयनी एकादशी पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में

Tara Tandi
5 July 2022 5:45 AM GMT
जानिए हरिशयनी एकादशी पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में
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देवशयनी एकादशी का अर्थ है देव के शयन की एकादशी. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवशयनी एकादशी का अर्थ है देव के शयन की एकादशी. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते है. भगवान विष्णु का एक नाम हरि भी है. इस वजह से देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) को हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है. इस साल देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई दिन रविवार को है. इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं हरिशयनी एकादशी पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में.

हरिशयनी एकादशी 2022 तिथि
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत: 09 जुलाई, शनिवार, शाम 04:39 बजे से
आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 10 जुलाई, रविवार, दोपहर 02:13 बजे पर
हरिशयनी एकादशी पर बने योग और नक्षत्र
रवि योग: 10 जुलाई को प्रात: 05:31 बजे से लेकर सुबह 09:55 बजे तक
शुभ योग: प्रात:काल से लेकर देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक
शुक्ल योग: देर रात 12 बजकर 45 मिनट से अगली सुबह तक
विशाखा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर सुबह 09 बजकर 55 मिनट तक
अनुराधा नक्षत्र: सुबह 09 बजकर 55 मिनट से पूरे दिन
हरिशयनी एकादशी पर बने रवि योग और शुभ योग मांगलिक दृष्टि से उत्तम हैं. आप इस समय काल में भगवान विष्णु की पूजा और देवशयनी एकादशी व्रत कथा का पाठ कर सकते हैं. इस दिन विशाखा और अनुराधा नक्षत्र भी अच्छे हैं. इन सभी योग और नक्षत्र में व्रत और पूजा पाठ आदि करना शुभ होता है.
हरिशयनी एकादशी का पारण
10 जुलाई को नियमपूर्वक हरिशयनी एकादशी का व्रत रखें. उसके बाद अगले दिन सोमवार को हरिशयनी एकादशी का पारण करें. इस दिन आप प्रात: 05:31 बजे से प्रात: 08:17 बजे के बीच पारण करके व्रत को पूरा कर लें.
हरिशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं. चार माह तक वे इस अवस्था में रहेंगे. मांगलिक कार्यों के लिए भगवान विष्णु का योग निद्रा से बाहर आना जरूरी है. वे देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से बाहर आएंगे. ऐसे में कुल चार माह तक कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
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