धर्म-अध्यात्म

जानिए मंगला गौरी व्रत के शुभ योग और आरती के बारे में...

Tara Tandi
19 July 2022 6:14 AM GMT
जानिए मंगला गौरी व्रत के शुभ योग और आरती के बारे में...
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आज सावना का पहला मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) है. पंचांग के अनुसार आज की तिथि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सावना का पहला मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) है. पंचांग के अनुसार आज की तिथि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है. मंगल गौरी व्रत के दिन माता गौरी यानि शिव प्रिया माता पार्वती की पूजा करते हैं और षष्ठी तिथि के दिन उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, सावन का पहला मंगला गौरी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ा है, इसके अलावा आज रवि योग और सुकर्मा योग भी बने हुए हैं. आज आप सर्वार्थ सिद्धि योग में मंगला गौरी की पूजा करके अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं. मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की खुशहाली का आशीष मिलता है.

सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं, ऐसे में इस समय काल में पूजा करके आप अपने व्रत के उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं. पूजा के समय मां मंगला गौरी की आरती जरूर करें. आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत पर बने शुभ योग और मंगला गौरी आरती (Mangala Gauri Aarti) के बारे में.
मंगला गौरी व्रत 2022 मुहूर्त
श्रावण कृष्ण षष्ठी तिथि का प्रारंभ: 18 जुलाई, सोमवार को सुबह 08 बजकर 54 मिनट से
श्रावण कृष्ण षष्ठी तिथि का समापन: आज, सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर
सुकर्मा योग: आज सुबह से लेकर दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक
रवि योग: सर्वार्थ सिद्धि योग के समयानुसार
आज का राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से शाम 05 बजकर 36 मिनट तक
मां मंगला गौरी की आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…
अरिकुल पद्मा विनासनी, जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…
सिंह को वाहन, साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं, गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…
सतयुग शील सुसुन्दर, नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी, सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…
सृष्टी रूप तुही जननी, शिव संग रंगराताए,
नंदी भृंगी बीन लाही, सारा मद माता। जय मंगला गौरी…
देवन अरज करत, हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता,
सदा सुख संपति पाता। जय मंगला गौरी…
मां मंगला गौरी की जय…मां मंगला गौरी की जय…मां मंगला गौरी की जय…
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