धर्म-अध्यात्म

जानिए चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में....

Tara Tandi
22 March 2022 3:45 AM GMT
जानिए चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में....
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हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है। इसके अलावा इसी दिन ब्रज नगरी में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव रचाया था। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य के कार्य करने से समस्त प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है। चैत्र माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा, चैती पूनम आदि के नाम से जाना जाता है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान नारायण की पूजा और व्रत किया जाता है। रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देने के पश्चात व्रत का पारण किया जाता है। चैत पूर्णिमा के दिन नदी, तीर्थ, सरोबर और जलकुंड में स्नान करके दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपायों के बारे में।

चैत्र पूर्णिमा 2022
चैत्र पूर्णिमा: दिनांक 16 अप्रैल 2022, शनिवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ :16 अप्रैल, शनिवार 02:25 AM पू
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अप्रैल 12:24 AM
चंद्रोदय का समय सायं 16 अप्रैल, शनिवार, 06:27 PM
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा हिन्दू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। चैती पूर्णिमा के अवसर पर जो भक्त श्री हरि विष्णु की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं उन्हें सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण का व्रत करने से जातकों को समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन होती है हनुमान जयंती
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को हनुमान जयंती के नाम से भी जानते हैं। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों दिन मनाया जाता है।
चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि
चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें।
इसके उपरांत चैत्र पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद श्रीविष्णु की पूजा करें।
संभव हो तो सत्य नारायण का पाठ करें।
उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।
अंत में ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें।
चंद्रदर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।6 of 7
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। - फोटो : अमर उजाला
चैत्र पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के करें ये उपाय
चैत्र पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें। अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दे जहां आप अपना धन रखते हैं। ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए।
वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी में से किसी को चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए। पति- पत्नी साथ में भी अर्घ्य दे सकते हैं। इस उपाय से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहेगी।
इन मंत्रों का करें जाप
चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:" या " ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम: " मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं।


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