धर्म-अध्यात्म

जानें चैत्र नवरात्रि का हवन सामग्री और शुभ मुहूर्त के बारें में

Kajal Dubey
9 April 2022 3:46 AM GMT
जानें चैत्र नवरात्रि का हवन सामग्री और शुभ मुहूर्त के बारें में
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चैत्र नवरात्रि में पूरे 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं और अंत में हवन एवं के साथ समापन करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्रि में पूरे 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं और अंत में हवन एवं के साथ समापन करते हैं. हिन्दू धर्म में हवन का विशेष महत्व है. हवन करने से घर में शुद्धता, पवित्रता एवं शुभता बढ़ती है. हवन के समय उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों के जलने से वातावरण शुद्ध होता है, चारों ओर सकारात्मकता का संचार होता है. इसके प्रभाव से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है. हवन सामग्री में औषधीय गुण होते हैं, जिनके स्वास्थ्य से जुड़े कई फायदे भी होते हैं. यदि आपको भी हवन करना है, तो चैत्र नवरात्रि की हवन सामग्री और मुहूर्त के बारे में जानना जरूरी है. इसे आप नोट कर सकते हैं.

चैत्र नवरात्रि का हवन मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि में दुर्गाष्टमी, महानवमी और दशमी के दिन हवन किया जाता है. अब आपके यहां जिस दिन हवन होता है, उस दिन हवन कर सकते हैं. यहां पर आपको तीनों दिनों के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दी जा रही है.
दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 08 अप्रैल, दिन शुक्रवार, रात 11:05 बजे से
चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि का समापन: 09 अप्रैल, दिन शनिवार, देर रात 01:23 बजे
सर्वार्थ सिद्धि योग: 09 अप्रैल को सुबह 06:02 बजे तक
सुकर्मा योग: दिन में 11:25 बजे से
दिन का शुभ समय: 11:58 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक
महानवी का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 09 अप्रैल, दिन शनिवार, देर रात 01:23 बजे से
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, सुबह 03:15 बजे
रवि योग: 10 अप्रैल को प्रात: 04:31 बजे से सुबह 06:01 बजे तक
सुकर्मा योग: दोपहर 12:04 बजे तक
रवि पुष्य योग: पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन
रवि योग: पूरे दिन
दशमी का मुहूर्त
चैत्र शुक्ल दशमी तिथि का प्रारंभ: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, सुबह 03:15 बजे से
चैत्र शुक्ल दशमी तिथि का समापन: 12 अप्रैल, दिन मंगलवार, सुबह 04:30 बजे
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:00 बजे से सुबह 06:51 बजे तक
रवि योग: पूरे दिन
चैत्र नवरात्रि 2022 हवन सामग्री
1. कलावा या लाल रंग का वस्त्र
2. एक सूखा नारियल
3. एक हवन कुंड
4. गाय का घी
5. काला तिल, कपूर, चावल, जौ
6. गुग्गल, लोभान, शक्कर
7. इलायची, लौंग
8. आम की सूखी लकड़ियां, तना एवं पत्ते
9. चंदन, नीम, बेल एवं पीपल की की लकड़ी
10. मुलैठी की जड़, अश्वगंधा, ब्राह्मी
11. पलाश एवं गूलर छाल
12. हवन पुस्तिका


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