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नई दिल्ली: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (01 मई 2024) के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. इन शुभ योग में अगर आप कोई उपाय करते हैं तो आपको उसका फल भी मिलता है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का महत्व हिंदू धर्म में विशेष रूप से माना जाता है. इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है और इसे धर्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन किये गए धार्मिक कार्यों का पुण्य अनन्त होता है और यह संसारिक समृद्धि, सुख, और सफलता के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन लोग धार्मिक कार्यों का पालन करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और दान-दानापुण्य करते हैं.
अक्षय तृतीया का महत्व है क्योंकि इसे पालन करने से धार्मिक और आध्यात्मिक सुधार होता है, और लोगों को संसार में अच्छा कर्म करने के लिए प्रेरित करता है. इस दिन किए गए पुण्य का फल अनन्त होता है और यह जीवन में समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना किया जाता है.
1. ब्रह्म योग (Brahma Yoga)
समय: 06:20 AM से 08:09 AM तक
महत्व: यह योग ज्ञान और बुद्धि प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है. इस योग में किए गए धार्मिक कार्य और अध्ययन विशेष फलदायी होते हैं. नए कार्य शुरू करने के लिए भी यह योग शुभ माना जाता है.
2. सर्वसिद्धि योग (Sarv Siddhi Yoga)
समय: 11:51 AM से 01:30 PM तक
महत्व: यह योग सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है. इस योग में किए गए जाप और मंत्र विशेष रूप से प्रभावशाली होते हैं. नए व्यवसाय शुरू करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए भी यह योग शुभ माना जाता है.
3. विष्कंभ योग (Vishkumbha Yoga):
समय: 03:19 PM से 05:08 PM तक
महत्व: यह योग धन और समृद्धि प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है. इस योग में किए गए व्यापार और निवेश विशेष लाभकारी होते हैं. नए घर या नई संपत्ति खरीदने के लिए भी यह योग शुभ माना जाता है.
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (01 मई 2024) के उपाय:
धार्मिक उपाय- सूर्यदेव की उपासना करें. व्रत रखें और सूर्य मंत्र का जाप करें. सूर्यदेव को अर्घ्य दें और लाल पुष्प अर्पित करें. मां कात्यायनी की पूजा करें. मां कात्यायनी की पूजा करें और व्रत रखें. मां कात्यायनी को लाल पुष्प और नारियल अर्पित करें. शिव-पार्वती की पूजा करें. भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें. शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें. गायत्री मंत्र का जाप करें. गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है. दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें. अन्न और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है.
ज्योतिषीय उपाय- पीला पुखराज या माणिक्य रत्न धारण करें. रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में पहनें. लक्ष्मी यंत्र या बृहस्पति यंत्र की पूजा करें. यंत्र को शुभ मुहूर्त में स्थापित करें. लक्ष्मी मंत्र या बृहस्पति मंत्र का जाप करें. मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है. यदि कुंडली में विवाह में बाधा है तो ग्रहों की शांति करवाएं. कुशल ज्योतिषी की सलाह लेकर यज्ञ या हवन करवाएं.
इन उपायों का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है. शुभ फल प्राप्ति के लिए पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ उपाय करने चाहिए. किसी भी उपाय को करने से पहले ज्योतिषी या विद्वान से सलाह लेना उचित होता है. योगों का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है. शुभ योगों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए धार्मिक कार्यों में भाग लेना और दान-पुण्य करना चाहिए.
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