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धर्म-अध्यात्म
कल से शुरू खरमास, जानें इस दौरान क्या करें और क्या न करें?
Triveni
15 Dec 2022 2:29 PM GMT
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फाइल फोटो
हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानि 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानि 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इस गोचर धनु संक्रांति या खरमास कहा जाता है. खरमास 16 दिसंबर से शुरू होगा और 15 जनवरी को समाप्त होगा. यह महीना पूजा-पाठ के लिए बेहद ही खास माना जाता है. लेकिन खरमास में किसी भी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता. आइए जानते हैं खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
खरमास में नहीं करें ये काम
खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि इस दौरान की गई शादी से जीवन में सुख-समृद्धि नहीं आती और वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
खरमास में शादी के अलावा सगाई, गृह प्रवेश या मुंडन जैसे शुभ कार्य भी नहीं किए जाते. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के धनु राशि में होने की वजह से इस दौरान किए गए शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न होने की संभावना रहती है.
अगर आप कोई नया व्यापार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो खरमास के दौरान बिल्कुल न करें क्योंकि इससे आपको लाभ की बजाय हानि का सामना करना पड़ेगा. बेहतर ही खरमास समाप्त होने के बाद व्यापार की शुरुआत की जाए.
खरमास के दौरान नया घर खरीदने से भी वास्तु दोष बढ़ता है और आपको जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए खरमास में नया घर नहीं खरीदना चाहिए.
खरमास में भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान तामसिक भोजन का सेवन करने से सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
खरमास में जरूर करें ये काम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में शादी-विवाह जैसे कार्यों की मनाही होती है लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ करना शुभ माना गया है. इस माह भगवान विष्णु का विधि-विधान के साथ पूजन करना चाहिए.
अगर खरमास में आप सत्यनारायण भगवान कथा सुनते या पढ़ते हैं तो आपके परिवार पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता है.
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति खराब दशा में है तो उसे खरमास के दौरान पूजा-पाठ अवश्य करना करना चाहिए. इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है.
खरमास में नियमित तौर पर भगवान सूयर्य को जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं.
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Triveni
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