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धर्म-अध्यात्म
खरमास 2024 तिथि: किस दिन से लगता है खरमास? जानिए इसके नियम और महत्व
Kajal Dubey
13 March 2024 6:17 AM GMT
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धर्म : खरमास 2024 तिथि: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, खरमास तब शुरू होता है जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है। खरमास के दौरान सभी शुभ और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। जानिए मार्च में कब से शुरू हो रहा है खरमास और कब होगा खत्म.
खरमास 2024 तिथि: किस दिन से लगता है खरमास? जानिए इसके नियम और महत्व
खरमास 2024 मार्च: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, खरमास तब मनाया जाता है जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम हो जाता है। इसी कारण से इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास हर साल दो बार मनाया जाता है। एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच होता है, जबकि दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है। अब ऐसे में इस साल खरमास कब है, इसके नियम और महत्व क्या हैं, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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इस बार साल 2024 में 14 मार्च को दोपहर 12:34 बजे सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य देव के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाएगा। इस दौरान सूर्यदेव 17 मार्च को उत्तराभाद्रपद और 31 मार्च को रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। पूरे एक महीने बाद यानी 13 अप्रैल को खरमास खत्म हो जाएगा. खरमास के दौरान विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन आदि सभी शुभ कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है। इन दिनों में मंत्र जाप, दान और स्नान का विशेष महत्व होता है। खरमास में सबसे अधिक भागवत कथा सुननी और पढ़नी चाहिए।
खरमास 2024 नियम
खरमास के दौरान सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की खराब स्थिति में सुधार होता है।
खरमास में भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।
खरमास में अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। इससे कई लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं.
खरमास के दौरान भूलकर भी ब्राह्मणों का अपमान नहीं करना चाहिए और उन्हें भोजन अवश्य कराना चाहिए।
खरमास का महत्व (Kharmas Significance)
खरमास के दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो जाती है। यह भी माना जाता है कि खरमास के दौरान सूर्य देव की गति बहुत धीमी होती है, जिसके कारण इस दौरान किए गए किसी भी शुभ कार्य का शुभ फल नहीं मिलता है। इसी कारण से खरमास के दौरान विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि पर रोक लगा दी जाती है।
खरमास के दौरान जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है। खरमास के दौरान विशेष रूप से पूजा करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ऐसा करने से सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है। खरमास में गाय को हरी घास खिलाएं और मंदिर में पूजा सामग्री चढ़ाएं। कहा जाता है कि इससे सूर्य देव की कृपा बरकरार रहती है।
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Kajal Dubey
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