धर्म-अध्यात्म

Kharmas 2021: 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है खरमास, इन मंत्रों का करें जाप भगवान विष्णु की कृपा

Tulsi Rao
15 Dec 2021 9:19 AM GMT
Kharmas 2021: 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है खरमास, इन मंत्रों का करें जाप भगवान विष्णु की कृपा
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हर साल जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है. हिंदू पंचांग के हिसाब से खरमास हमेशा मार्गशीर्ष और पौष मास के बीच आता है. माना जाता है कि खरमास के दौरान सूर्य कमजोर हो जाते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है. हिंदू पंचांग के हिसाब से खरमास हमेशा मार्गशीर्ष और पौष मास के बीच आता है. माना जाता है कि खरमास के दौरान सूर्य कमजोर हो जाते हैं और उन्हें मलीन माना जाता है. इस कारण सूर्य का स्वभाव भी उग्र हो जाता है. चूंकि हिंदू धर्म शास्त्रों में सूर्य को विशेष महत्व दिया गया है, इस कारण सूर्य के मलीन होने की स्थिति में सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.

इस बार खरमास का महीना 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है और 14 जनवरी तक रहेगा. ये एक महीना पूजा पाठ के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है. इस महीने में मुख्य रूप से भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और सूर्यदेव की पूजा होती है. साथ ही दान, पुण्य आदि का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि अगर खरमास के महीने में कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं और इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्र
– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
– ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
– ॐ विष्णवे नम:
– ॐ दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्,
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे.
– ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान, यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते.
श्रीकृष्ण भगवान के मंत्र
– कौण्डिन्येन पुरा प्रोक्तमिमं मंत्र पुन: पुन:
जपन्मासं नयेद् भक्त्या पुरुषोत्तममाप्नुयात्
ध्यायेन्नवघनश्यामं द्विभुजं मुरलीधरम्
लसत्पीतपटं रम्यं सराधं पुरुषोत्तम्
– गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्गो
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्
– ॐ नमो नारायण श्री मन नारायण नारायण हरि हरि
– श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
– ॐ कृं कृष्णाय नमः
– ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात्
– ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
सूर्य देव के मंत्र
– ॐ घृणि सूर्याय नम:
– ॐ घृ‍णिं सूर्य: आदित्य:
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
– ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
– ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
– ॐ सूर्याय नम:
इनसे भी मिलता लाभ
इसके अलावा खरमास के महीने में रोजाना स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित करने से भी भाग्योदय होता है और तमाम रोग और कष्ट दूर होते हैं. इस माह में गीता का पाठ नियमित रूप से पढ़ने और विष्णु सहस्त्रनाम को पढ़ने से भी काफी लाभ होता है. इसके अलावा खरमास के दौरान गौदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं. इसके अलावा स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक या शहद आदि का सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए.


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