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धर्म-अध्यात्म
ये चीजें पूजा के स्थान में रखने से बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा, नहीं होगा पैसों का कष्ट
Tara Tandi
8 April 2021 8:13 AM GMT
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घर में पूजा का स्थल का सबसे पवित्र माना गया है. हिंदू धर्म में पूजा- पाठ करने का विशेष महत्व है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| घर में पूजा का स्थल का सबसे पवित्र माना गया है. हिंदू धर्म में पूजा- पाठ करने का विशेष महत्व है. इसके साथ ही पूजा में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजों को बहुत शुभ माना गया है. कहते हैं कि इन चीजों को पूजा घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जी बनी रहती है. इसके अलावा आपकी सुख- समद्धि और तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
पूजा घर में इन चीजों को रखने से सुख- समृद्धि और धन की वृद्धि होती है. साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार, किन चीजों को पूजा घर में रखना चाहिए.
शंख
पूजा घर मे शंख रखना अत्यधिक शुभ होता है. समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी के साथ शंख भी निकला था. पूजा के बाद शंखनाद करना अच्छा होता है. इसेस घर में सुख- समृद्धि और धन में बकरत होती है.
शालीग्राम
शालीग्राम भगवानव विष्णु के रूप हैं. उनकी पूजा करने से भगवन विष्णु प्रसन्न होते हैं. शालीग्राम भगवान की पूजा तुलसी के पत्तों क साथ की जाती है. इससे घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है.
घंटी
घंटी की आवाज में सकारात्मक उर्जा होती है. माना जाता है कि जिन घरों में घंटी की नियमित आवाज गूंजती हैं. वहा पर पॉजिटिविटी बनी रहती हैं और निगेटिव शक्तियां दूर हो जाती है. पूजा- पाठ करते समय घंटी बजाना अच्छा होता है.
मोरपंख
कई लोग अपने घर में मोर पंख रखते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे शुभ माना गया है. भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में भी मोर पंख लगाया जाता है. मोर पंख धन में वृद्धि लाता है. इसके अलावा इससे घर में सुख- शांति बनी रहती है.
गंगाजल
किसी भी देवी- देवता की पूजा हो या फिर कोई अनुष्ठान हों. उसमें गंगालजल का विशेष महत्व होता है. गंगालजल को पीतल और चांदी के पात्र में भरकर रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. इससे घर में धन की बरकत रहती है.
कलश
पूजा के दौरान घर में कलश रखा जाता है. इससे घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है. कलश भगवान गणेश को अधिक प्रिय है. व्यस्त जीवन की वजह से रोजाना कलश बिठाना मुश्किल है. इसके लिए आप सुबह- सुबह स्नान कर तांबे के पात्र में जलकर भरकर उसमें आचमनी जरूर डालें और शाम में फिर इस जल को बदलें. कलश के पानी को पेड़ों को प्रवाहित करें.
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