धर्म-अध्यात्म

शनि देव की पूजा करते समय इन बातों का जरुर रखें ध्यान

Ritisha Jaiswal
19 Dec 2020 10:14 AM GMT
शनि देव की पूजा करते समय इन बातों का जरुर रखें ध्यान
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शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि हर व्यक्ति को एक न एक बार शनि के न्याय चक्र का सामना करना ही पड़ता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि हर व्यक्ति को एक न एक बार शनि के न्याय चक्र का सामना करना ही पड़ता है। कई लोग शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान होते हैं। क्योंकि इस दौरान लोगों का भारी से भारी नुकसान होता रहता है। ऐसे में लोगों को कुछ सावधानियों की जरुरत होती है। शनि की साढ़ेसाती की बात करें तो यह साढ़े सात वर्ष चलती है। वहीं, ढैय्या ढाई वर्ष तक चलती है। वर्ष 2020 तो खत्म हो चला है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको वर्ष 2021 में किस राशि के लोगों को ढैय्या और साढ़ेसाती से सावधान रहने की जरूरत है यह बताने जा रहे हैं। वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में ही रहेंगे। इस राशि में शनिदेव 18 जनवरी 2023 तक स्वगृही रहेंगे। इस बीच 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 तक कुम्भ राशि में गोचर करेंगे।


शनि की साढ़ेसाती:

वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती देखने की मिलेगी। ऐसे में सावधानी के तौर पर मंगलवार और शनिवार को शनि के उपाय किए जा सकते हैं।
शनि की ढैय्या:
मिथुन और तुला राशि पर वर्ष 2021 में शनि की ढैय्या रहेगी। ऐसे में इसके प्रभाव को कम करने के लिए शनि के मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
इन बातों का ध्यान रखने की जरुरत:
जब भी आप शनि देव की पूजा करें तो ध्यान रखें की शनिदेव की मूर्ति आपके सामने न हो।
शनिदेव की पूजा उसी मंदिर में करें जहां वो शिला रूप में स्थापित हों।
शनिदेव की प्रतीक के रूप में शमी या पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
शनि देव के सामने दिया जलाया जाना उत्तम होता है।
शनिदेव की पूजा करने वाले लोगों का आचरण और व्यवहार अच्छा होना चाहिए।


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