- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- शीतला अष्टमी के दिन...
धर्म-अध्यात्म
शीतला अष्टमी के दिन भोग तैयार करते समय इन बातों का रखें ध्यान
Apurva Srivastav
14 March 2023 2:11 PM GMT
x
भोग को बड़ी ही साफ सफाई के साथ तैयार करना चाहिए
हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है. हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता शीतला की पूजा का विधान है. इसे शीतला अष्टमी और बसौड़ा अष्टमी के नाम से भी जानते हैं. आपको बता दें कि बसौड़ा शीतला माता को समर्पित लोकप्रिय त्योहार है. ये पर्व होली के आठवें दिन मनाया जाता है. इस बार शीतला अष्टमी 15 मार्च को मनाई जा रही है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है. ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं. खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है और खुद भी बासी और ठंडा भोजन किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि शीतला अष्टमी के दिन बसोड़ा में क्या-क्या चीजें खानी चाहिए.
शीतला अष्टमी के दिन बसोड़ा में क्या क्या चीजें शामिल करें
आपको बता दें कि शीतला सप्तमी के दिन ही मीठे चावल, मीठा भात (ओलिया), खाजा, चूरमा, शकर पारे, पूड़ी, दाल-भात, लपसी, पुआ, पकौड़ी, रबड़ी, बाजरे की रोटी और सब्जी आदि जैसे पकवानों को तैयार कर लिया जाता है. इन पकवानों को तैयार कर बिना जूठा किए रख दिया जाता है, शायद इसीलिए इस भोग को बसोड़ा भी कहा जाता है. वहीं सप्तमी के अगले दिन यानी की शीतला अष्टमी के दिन सबसे पहले माता को इन्हीं पकवानों का भोग लगाया जाता है. इसके बाद घर के अन्य सदस्य इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
भोग तैयार करते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान –
1- भोग को बड़ी ही साफ सफाई के साथ तैयार करना चाहिए. बिना नहाए धोए भोग तैयार नहीं करना चाहिए.
2- भोग तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसे इतना अधिक न पकाएं कि वह जलकर लाल हो जाए.
3- भोग को तैयार करते समय केवल देशी घी का इस्तेमाल करना चाहिए, अगर घी गाय का हो तो काफी अच्छा माना जाता है.
4- भोग में शामिल सभी चीजों को सप्तमी की रात को ही तैयार कर लें. क्योंकि अगले दिन बनाई चीज को भोग में शामिल नहीं किया जा सकता है.
5- भोग को तैयार करने के बाद रसोईघर की अच्छे से साफ सफाई कर लेनी चाहिए और इसके बाद चूल्हे पर रोली, अक्षत फूल आदि चढ़ाकर दीप जलाना चाहिए. इस पूजा के बाद अष्टमी तक चूल्हा नहीं जलाना चाहिए.
6- शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद मिट्टी के कंडवारे में दही, रबड़ी, चावल, पुआ, पूड़ी, सब्जी आदि आपने जो भी कुछ पकवान तैयार किए हैं, इन सभी चीजों का शीतला माता को भोग लगाएं. इसके बाद विधि-विधान से शीतला माता की पूजा करें और उनसे प्रार्थना करें.
Tagsवास्तु दोषवास्तु दोष के उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyJyotish Shastraजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's big news
Apurva Srivastav
Next Story