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कई लोगों का मानना है कि जीवन का परमसुख भगवान की भक्ति में हैं और इसके लिए लोग अपने तरीके से भगवान की भक्ति का जरिया ढूँढते हैं। ऐसे ही एक जरिया आपने कई लोगों को करते हुए देखा होगा कि कई लोग मंदिर और धार्मिक स्थलों पर माला का जाप करते रहते हैं। माला का जाप करना भी एक प्रकार की साधना होती है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने ईश्वर का नाम स्मरण करता रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माला से जप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती हैं अन्यथा उसका फल नहीं मिल पाता। तो आइये हम बताते हैं आपको ध्यान रखने वाली उन बातों के बारे में।
* माला के मनकों की संख्या कम से कम 21 या 108 होनी चाहिए। हर मनके के बाद एक गाँठ जरूर लगी होनी चाहिए।
* मंत्र जप के समय तर्जनी अंगुली से माला का स्पर्श नहीं होना चाहिए साथ ही सुमेरु का उल्लंघन भी नहीं होना चाहिए।
* मंत्र जप के समय माला किसी वस्त्र से ढंकी होनी होनी चाहिए या गोमुखी में होनी चाहिए।
* मंत्र जाप करने के पूर्व हाथ में माला लेकर प्रार्थना करनी चाहिए कि माला से किया गया मंत्र जाप सफल हो ।
* माला हमेशा व्यक्तिगत होनी चाहिए , दूसरे की माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
* जिस माला से मंत्र जाप करते हैं , उसे धारण नहीं करना चाहिए।
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