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- अधिकमास के अंतिम दिनों...
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सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन और पर्व का महत्व होता हैं लेकिन अधिक मास को बेहद ही खास माना गया हैं जो कि इस बार सावन में लगा हैं अधिक मास तीन साल में एक बार आता हैं जिसे पुरुषोत्तम मास और मलमास के नाम से भी जाना जाता हैं अधिक मास का समय भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम माना जाता हैं।
इस माह सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं अधिक मास का समापन जल्द ही होने वाला हैं। ऐसे में बाकी बचे दिनों पर अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शुभ फल की प्राप्ति होती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मलमास में रखें इन बातों का ध्यान—
अधिकमास के दिनों में दीपदान करने का विशेष महत्व होता हैं साथ ही इस पवित्र माह में एक बार ध्वजा दान भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं अधिक मास की अवधि में अगर सामाजिक व धार्मिक कार्य जैसे वृक्ष लगाना, सेवा कार्य करना उत्तम माना जाता हैं ऐसा करने से ईश्वर कृपा मिलती हैं।
लेकिन अधिकमास के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से किसी का अहित नहीं करना चाहिए इस माह में अपशब्दों का प्रयोग ना करें। भूलकर भी इस दौरान क्रोध, गलत कार्य, चोरी, असत्य बोलना, गृहक्लेश आदि नहीं करना चाहिए इस दौरान इन सभी से बचना चाहिए। इसके अलावा अधिकमास में विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा सुख समृद्धि और धन प्रदान करती हैं।
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