धर्म-अध्यात्म

श्राद्ध में ब्राह्मण भोज कराते समय इन नियमों का रखें ध्यान

Subhi
13 Sep 2022 6:10 AM GMT
श्राद्ध में ब्राह्मण भोज कराते समय इन नियमों का रखें ध्यान
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भाद्रपद पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष आरंभ हो गए है जो आश्विन मास की अमावस्या तिथि को समाप्त होंग। इस 15 दिनों में पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करना शुभ माना जाता है। 10 सितंबर से शुरू हुए पितृपक्ष 25 सितंबर को समाप्त होंगे।

भाद्रपद पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष आरंभ हो गए है जो आश्विन मास की अमावस्या तिथि को समाप्त होंग। इस 15 दिनों में पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करना शुभ माना जाता है। 10 सितंबर से शुरू हुए पितृपक्ष 25 सितंबर को समाप्त होंगे। श्राद्ध कर्म के दौरान तिथि के हिसाब से ब्राह्मण को निमंत्रण भी दिया जाता है। माना जाता है कि ब्राह्मणों के माध्यम से देवता हव्य और कव्य भोजन ग्रहण करते हैं। इसके साथ ही पितरों को भी भोजन पहुंच जाता है। शास्त्रों के अनुसार , ब्राह्मण भोज कराते समय नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। इन नियमों का अनदेखा करने से पितृ नाराज हो सकते हैं। जिसके कारण घर के सदस्यों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जानिए पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान ब्राह्मणों को भोज कराते समय किन बातों का रखें ख्याल।

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ब्राह्मण भोज कराते समय ध्यान रखें ये बातें ( Brahman Bhoj Niyam)

आसपास का होना चाहिए ब्राह्मण

श्राद्ध भोजन के लिए आफ जिस ब्राह्मण को बुला रहे हैं, तो इस बात याद रखें कि वो आपके आसपास की जगहों का ही होना चाहिए। उन्हें विधिवत निमंत्रण देकर आएं।

पितरों की पसंद का बनाएं भोज

संभव हो सके तो ऐसी चीजों से भोज बनाएं, तो पितरों को पसंद हो। ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है।

दोपहर के समय करें श्राद्ध

पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर रहे हो, तो दोपहर का समय चुनें। क्योंकि सुबह और शाम का समय देव कार्यों के लिए होता है और दोपहर का समय पितरों का माना जाता है।

ब्राह्मण का इस दिशा में कराएं मुख

भोजन कराते समय ब्राह्मणों का मुख दक्षिण दिशा की ओर कराएं। क्योंकि इस दिशा से पितर आते जाते हैं। इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।

इन बर्तनों का करें इस्तेमाल

ब्राह्मणों को भोजन कराते समय पत्तल, चांदी, पीतल, कांसे आदि के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए।

ऐसे बर्तनों का न करें इस्तेमाल

ब्राह्मणों को भोज कराते समय ऐसे बर्तनों में भोजन नहीं देना चाहिए जिसे आप किचन में इस्तेमाल कर रहे हो। इसके अलावा लोहे के बर्तनों में भी भोजन न परोसे।

ब्राह्मण से पूछे ये बात

ब्राह्मण को भोज का आमंत्रण देने से पहले इस बात को जरूर पूछ लें कि वह और भी कहीं तो भोज के लिए नहीं जा रहे हैं। क्योंकि एक दिन में ज्यादा घरों का भोजन करना शुभ नहीं माना जाता है।

भोजन कराते समय न करें बात

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि, पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोज कराते समय मौन धारण कर लें। भोजन के समय किसी भी तरह की बात न करें। क्योंकि माना जाता है कि भोजन कराते समय बोलने से पितरों तक भोजन नहीं पहुंचता है।

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