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धर्म-अध्यात्म
स्कंद षष्ठी व्रत इस दिन रखें, जानें जरूरी तिथि और शुभ मुहूर्त
Teja
1 Jun 2022 5:21 AM GMT

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हर महीने आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर महीने आने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है. इस बार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष आएगी, जिसमें स्कंद षष्ठी व्रत 5 जून दिन रविवार को रखा जाएगा. यह संतान की उन्नति और उनके सुखी जीवन के लिए रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय की पूजा आराधना की जाती है. बता दें कि कार्तिकेय का एक नाम स्कंद कुमार भी है. वहीं स्कंद के नाम से नौ देवियों में एक देवी है स्कंदमाता. ऐसे में लोगों को पूजा मुहूर्त और उपाय के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है और आप इस दिन कौन से उपाय करें.
स्कंद षष्ठी तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ – 5 जून दिन रविवार 4:52 मिनट सुबह
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का समापन – 6 जून दिन सोमवार 6:39 मिनट सुबह
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रवि योग – 5:23 से शुरू होकर रात 12:25 मिनट तक
पूजा का शुभ समय -11:52 मिनट सुबह से दोपहर 12:47 मिनट तक
राहुकाल का समय – 5:32 मिनट से शाम 7:16 मिनट तक
स्कंद षष्ठी व्रत पूजा
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके भगवान सूर्य के सामने जल अर्पण करें. उसके बाद भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, चावल, धूप, दीपक, गंध, लाल चंदन, मोर का पंख आदि अर्पित करें. अब षष्ठि स्त्रोत का पाठ करके अपने जीवन में मंगल की कामना करें. मान्यता है कि यदि भगवान कार्तिकेय को मोर का पंख अर्पित किया जाए तो बेहद ही प्रसन्न होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान कार्तिकेय को मोर का पंख प्रिय है. इस दिन मूर्ति पूजा करने से भी संतान पर आया संकट दूर हो सकता है.

Teja
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