धर्म-अध्यात्म

शुक्र प्रदोष व्रत रखें वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए जानें तिथि, मुहूर्त

Teja
5 May 2022 12:58 PM GMT
शुक्र प्रदोष व्रत रखें वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए जानें तिथि, मुहूर्त
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हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत रखा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत रखा जाता है. सप्ताह के सातों दिन में से जिस दिन भी प्रदोष व्रत होता है, उसे उसी नाम से जाना जाता है. जैसे शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष के नाम से जानेंगे. मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत इस बार 13 मई के दिन पड़ रहा है. इस दिन शुभ मुहूर्त में भोलेनाथ की पूजा करने और व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. शुक्र प्रदोष रखने वाले लोगों को व्रत कथा का श्रवण या पाठ जरूर करना चाहिए. इस दिन कथा करने से भी फल की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना फलदायी होता है. आइए जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत की तिथि, पूजन मुहूर्त और महत्व के बारे में.
प्रदोष व्रत तिथि 2022
पंचाग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 मई, शुक्रवार शाम 05 बजकर 25 मिनट से शुरू हो रही है. और इसका समापन 14 मई, शनिवार दोपहर 03 बजकर 22 मिनट पर होगा. बता दें कि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. उस हिसाब से 13 मई के दिन शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा.
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 2022
धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना ही शुभ माना जाता है. 13 मई को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 04 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 09 मिनट तक होगा. मान्यता है कि इस दौरान पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
शुक्र प्रदोष के दिन इस समय होगा सिद्ध योग
शुक्र प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय सिद्ध योग और हस्त नक्षत्र रहेगा. शाम को करीब पौने 4 बजे से सिद्ध योग होगा. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं. इस दिन शुभ समय 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक होगा.इस दिन राहुकाल 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक होगा.
शुक्र प्रदोष का महत्व
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं. हर प्रदोष व्रत का अलग महत्व होता है. शुक्र प्रदोष का व्रत वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए किया जाता है. इसके साथ ही, इस व्रत से प्रसन्न होकर महादेव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.


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