धर्म-अध्यात्म

काशी के पंचांगों का दावा, शैवों-वैष्णवों की जन्माष्टमी एक ही दिन

Subhi
18 Aug 2022 3:39 AM GMT
काशी के पंचांगों का दावा, शैवों-वैष्णवों की जन्माष्टमी एक ही दिन
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काशी के प्रमुख पंचांगों ने शैवों-वैष्णवों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाने का निर्णय दिया है। महावीर, ऋषिकेश और विश्व पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को मध्यरात्रि के बाद भी अष्टमी तिथि रहेगी।

काशी के प्रमुख पंचांगों ने शैवों-वैष्णवों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाने का निर्णय दिया है। महावीर, ऋषिकेश और विश्व पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को मध्यरात्रि के बाद भी अष्टमी तिथि रहेगी। रोहिणी नक्षत्र का मान करने वाले 20 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे। भृगु संहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्री के अनुसार काशी के इन तीनों पंचांगों में अष्टमी तिथि के आरंभ और समापन में कुछ ही मिनट का अंतर है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रकाशित पंचांगों में कई घंटों का अंतर होने के कारण 18 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने का भ्रम फैल रहा है। उन्होंने बताया कि काशी के तीनों ही पंचांग न अत्यंत प्राचीन हैं अपितु इनकी गणना भी सटीक है।

इन पंचांगों के आधार पर भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात्रि 11:55 बजे होगी जो 19 अगस्त की रात्रि 11:43 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र 20 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में आरंभ होकर सूर्योदय के कुछ घंटों बाद तक रहेगा। जो लोग रोहिणी नक्षत्र का मान करते हैं, उन्हें 20 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने की सलाह दी गई है।

गोपाल मंदिर में श्रीकृष्णजन्माष्टमी कल

चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 19 अगस्त और नंदोत्सव 20 अगस्त को होगा। 19 अगस्त को प्रात: सात बजे पंचामृत के दर्शन होंगे। दोपहर 12 बजे तिलक के दर्शन, सायं सात बजे उत्थापन के दर्शन और रात्रि 11 बजे जन्म के दर्शन होंगे। 20 अगस्त को दोपहर एक बजे से मंदिर परिसर में नंदोत्सव होगा।


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