- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- करवा चौथ आज, जाने...
धर्म-अध्यात्म
करवा चौथ आज, जाने पूजा- विधि, नियम और चांद निकलने का समय
Shiddhant Shriwas
24 Oct 2021 5:15 AM GMT
x
इस बार आठ सालों के बाद विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ आ रहा है।
करवा चौथ (करक चतुर्थी) रविवार 24 अक्टूबर को है। इस बार आठ सालों के बाद विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल योग एक साथ आ रहा है। चन्द्रमा के साथ प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ रहना अद्भूत योग का निर्माण कर रहा है। साथ ही रविवार का दिन काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।
ज्योतिष के जानकार पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र बताते हैं कि यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी चंद्रउदय व्यापिनी को किया जाता है। दिनभर उपवास के बाद सुहागन महिलाएं शिव एवं चन्द्रमा को अर्घ्य प्रदान कर पति की दुर्घायु की कामना करेंगी। इस बार चंद्रमा के साथ रोहिणी नक्षत्र का साथ और मार्कण्डेय यग व सत्यभावा योग का निर्माण काफी शुभफलदायक है। ऐसा संयोग भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभावा के समय भी बना था। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना गया है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं। महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर रात में चलनी से चांद को देखती हैं और अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। परंपरा है कि इस मौके पर सुहागन पति के हाथ से ही पानी ग्रहण करती हैं।
शुभ मुहूर्त :
करवा चौथ की प्रात:काल सूर्य की उपासना एवं संध्या चन्द्रमा की उपासना करने का विधान है। रविवार को चन्द्रमा का उदय रात्रि 8 बजकर 5 मिनट पर होगा। सुहागन महिलाएं शिव परिवार की पूजा के साथ चन्द्रमा को अर्घ्य देंगी। इस बार 8.58 तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रात्रि 9 बजे से 11 बजे तक याचीज योग बन रहा है।
इन बातों का जरूर रखें ध्यान :
सुहागगिनों को इस दिन कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। सुहाग सामग्री चूड़ी, लहठी, बिंदी, सिंदूर आदि कचरा के डब्बे में नहीं फेंकाना चाहिए।इतना ही नहीं अगर चूड़ी पहनते समय टूट भी जाए तो उसे संभालकर पूजा स्थान पर रख दें। सबसे खास यह कि अपने मन में पति के अलावा किसी भी अन्य पुरुष का किसी भी तरह का कोई विचार न लाएं। साथ ही इस दिन किसी भी सुहागन को बुरा-भला कहने य् की गलती बिल्कुल भी न करनी चाहिए।
44 दिनों तक ये राशि वाले रहें सावधान, धन- हानि होने की संभावना
पूजन-विधि:
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपडे़ पहन कर करवा की पूजा-आराधना कर उसके साथ शिव-पार्वती की भी पूजा का विधान हैं। क्योकि माता पार्वती ने कठिन तपस्या कर शिवजी को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था। इस लिये शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
Shiddhant Shriwas
Next Story