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Kartik Month 2020 : कार्तिक मास को इसलिए कहा गया मोक्ष का द्वार, जानिए इसका विशेष महत्व
Kartik Month 2020 : कार्तिक मास को इसलिए कहा गया मोक्ष का द्वार, जानिए इसका विशेष महत्व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कार्तिक माह का पहला स्नान रविवार त्रिपुष्कार योग में किया जाएगा। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के संस्कृत साहित्याचार्य महेन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि कार्तिक माह के पहले स्नान में गंगा जल युक्त गोमती जल से स्नान करना अधिक कल्याणकारी रहेगा। शिव के त्रिपुष्कार का विशेष योग भी मिल रहा है। इस क्रम में 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा का महा स्नान होगा। वहीं, शनिवार शाम को 5:33 पर सूर्यास्त के बाद पूर्णिमा काल 7:32 बजे तक लोगों ने चावल की खीर निरोज्ञता के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए चांद की छांव में रखी।
पूरा माह तीज-त्योहारों के साथ बीतेगा
कार्तिक माह में कार्तिक स्नान के साथ त्योहारों का दौर शुरू हो जाएगा। त्योहारों में सबसे पहले 4 नवंबर को करवाचौथ, 8 को अहोई अष्टमी, 11 को रंभा एकादशी व्रत, 12 को धनतेरस, 13 को नरक चतुर्दशी, 14 को दिवाली, 15 को गोवर्धन पूजा, 16 को भाई दूज, 20 को छठ, 22 को गो पूजन, 23 को आंवला नवमी, 25 को देवउठनी व तुलसी विवाह, 29 को बैकुंठ चतुर्दशी और 30 को कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली होगी। इस तरह पूरे महीना तीज-त्योहारों के साथ बीतेगा।
इसलिए पड़ा कार्तिम मास नाम
शास्त्रों में कार्तिक मास को उत्तम मास बताया है क्योंकि इस माह भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। सक्ंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी माह में किया था, इसके लिए इसका नाम कार्तिक पड़ा। साथ ही भगवान विष्णु नारायण रूप में धरती पर जल में विश्राम करते हैं। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने के विशेष महत्व है।
मोक्ष का द्वार है कार्तिक मास
कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से धरती के सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। कार्तिक मास में दीपदान का भी विशेष महत्व बताया गया है। पद्म पुराण, नारद पुराण और स्कन्द पुराण में कार्तिम मास का विशेष माहात्म्य बताया है। इस मास में की गई प्रार्थना सीधे देवों तक पहुंचती है, इसलिए इसे मोक्ष का द्वार भी कहा गया है।