धर्म-अध्यात्म

भाई-बहन का त्योहार करमा पूजा, जानिए इसका महत्व

Tara Tandi
25 Sep 2023 2:15 PM GMT
भाई-बहन का त्योहार करमा पूजा, जानिए इसका महत्व
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करमा पूजा मूल रूप से बहन व भाइयों के आपसी प्रेम को प्रदर्शित करता है. मान्यता के अनुसार इस दिन बहन अपने भाई के सुख, समृद्धि और दीर्घायु होने की कामना के साथ पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. इसी कड़ी में राजधानी के रांची विश्वविद्यालय के अधीनस्थ जनजाति व क्षेत्रीय विभाग में काफी धूमधाम और पारंपरिक रूप से करम पूजा महोत्सव मनाया गया. इस पूजा महोत्सव में झारखंड के राज्यपाल, लोकसभा सांसद व रांची विश्वविद्यालय शैक्षणिक संस्था से जुड़े लोग उपस्थित रहे. करमा पर्व के अवसर पर राजपाल ने आदिवासी रीति के अनुसार करम पेड़ का पूजन किया पहली बार करमा पूजा में शामिल झारखंड के राज्यपाल ने इस प्रकृति पर अपनी अटूट आस्था प्रकट करते हुए पारंपरिक नृत्य संगीत का आनंद उठाया. साथ ही झारखंड के पारंपरिक ढोल, मांदर को बजाया और इसके धुन पर थिरकते नजर आए.
करमा पूजा का महत्व
वहीं, झारखंड के राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार से वातावरण और प्रकृति के संरक्षण के लिए आदिवासी समुदाय लगातार काम कर रहे हैं. प्राकृतिक प्रेमी और पूजक होते हैं. यह हमारे समाज के लिए एक उदाहरण पेश करता है. यह मौलिक चरित्र के रूप में वातावरण और प्रकृति को संरक्षित करने के लिए जरूरी है. वहीं, दक्षिण भारतीय त्योहार में करमा पर्व से मिलता जुलता त्योहार को गाना गुनगुना कर बतलाया. कार्यक्रम में उपस्थित रांची लोकसभा सांसद ने कहा कि जिस प्रकार से पूरी दुनिया झारखंड ग्लोबल वार्मिंग के समस्या से जूझ रहा हैं. ऐसे परिपेक्ष में प्राकृतिक संरक्षण की आवश्यकता हर इंसान को है और इस प्रकार के प्राकृतिक पर्व पर हम सबों को मिलकर प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखने के प्रति कटिबंध होना चाहिए.
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