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धर्म-अध्यात्म
Kamika Ekadashi : कामिका एकादशी व्रत से व्यक्ति को पापों से दिलाती है छुटकारा
Deepa Sahu
29 July 2021 2:22 PM GMT
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हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ते हैं।
हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ते हैं। हिंदी मास के दोनों पक्षों के 11वीं तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है। साल में 24 एकादशी हो सकती हैं परंतु अधिक मास की वजह से यह संख्या 26 भी हो सकती है। सावन मास के कृष्ण पक्ष 11वीं तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। सावन मास में पड़ने वाले कामिका एकादशी की कथा का विस्तार से वर्णन करेंगे।
कामिका एकादशी व्रत कथा
एक प्राचीन कथा के अनुसार पुराने समय में एक गांव में पहलवान रहता था। पहलवान का स्वभाव बहुत क्रोध करने वाला था। स्वभाव के कारण एक दिन पहलवान ने एक ब्राह्मण से झगड़ा कर लिया। पहलवान का क्रोध इतना हावी हो गया कि उसने ब्राह्मण की हत्या कर दी। पहलवान ब्रह्म हत्या के पाप का भागी हो गया। अपनी गलती का एहसास होने पर उसने पश्चाताप के लिए ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा लेकिन पंडितों ने उसे शामिल होने से साफ इंकार कर दिया। पंडितों ने ब्रह्माण की हत्या का दोषी मानकर पहलवान का समाजिक बहिष्कार कर दिया। ब्राह्मणों ने पहलवान के यहां भोजन करने से भी साफ मना कर दिया।
सभी चीजों से परेशान होकर पहलवान ने एक साधु से उपाय पूछा कि अपने पापों को कैसे दूर कर सकता है। साधु सन्यासी आदमी ने पहलवान को कामिका एकादशी करने का व्रत करने की सलाह दी। साधु के कहने पर पहलवान ने कामिका एकादशी व्रत का विधि विधान से पालन किया। उस रात पहलवान भगवान विष्णु जी मूर्ति के पास सो रहा था। अचानक से उसके सपने में भगवान विष्णु के दर्शन हुए। उन्होंने ने पहलवान को ब्राह्मण हत्य दोष से मुक्त कर दिया। तभी से कामिका एकादशी मनाने का प्रचलन हो गया।
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