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कालाष्टमी व्रत, नोट करें दिन तारीख और पूजा का शुभ समय

ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन कालाष्टमी व्रत को बेहद ही खास माना गया है हो कि हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप बाबा भैरव की विधिवत पूजा का विधान होता है। मान्यता है कि …
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन कालाष्टमी व्रत को बेहद ही खास माना गया है हो कि हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप बाबा भैरव की विधिवत पूजा का विधान होता है।
मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती है और इच्छा पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। भैरव बाबा की पूजा भय, नकारात्मक शक्तियों व शत्रुओं से छुटकारा दिलाती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कालाष्टमी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कालाष्टमी की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार माध मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 2 फरवरी को शाम 4 बजकर 3 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 3 फरवरी की शाम को 5 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। भैरव बाबा की पूजा निशिता काल में करना शुभ माना जाता है ऐसे में माघ मास की कालाष्टमी का व्रत 2 फरवरी को किया जाएगा।
कालाष्टमी की पूजा का शुभ समय—
कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की पूजा निशिता काल में करना शुभ माना जाता है ऐसे में 2 फरवरी को निशिता काल का समय रात 12 बजकर 8 मिनट से लेकर 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। जो लोग दिन में पूजा करते हैं वे सूर्योदय के बाद किसी भी समय बाबा भैरव की पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा कालाष्टमी व्रत का शुभ समय 2 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि इस दिन प्रभु की आराधना करने से जीवन की सारी परेशानियां और दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि व सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।
