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सभी हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है कजरी तीज
कजरी तीज, हरियाली तीज के बाद सभी हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. कजरी शब्द एक लोक परंपरा से लिया गया है जो पति से अलग होने के दर्द का वर्णन करती है. ये काजली तीज के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है, जिसमें विवाहित महिलाएं भगवान चंद्रमा की पूजा करती हैं. उत्तर प्रदेश में, विवाहित महिलाएं भगवान शिव की पूजा करती हैं और लोक गीत या भजन गाती हैं.
इसे सतुदी या बड़ी तीज के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की भलाई और लंबी उम्र के लिए एक दिन का उपवास रखती हैं. राजस्थान में, कजरी तीज को बड़ी तीज कहा जाता है क्योंकि ये हरियाली तीज का अनुसरण करती है, जिसे छोटी तीज के नाम से जाना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ये शुभ त्योहार भाद्र महीने के कृष्ण पक्ष के तीसरे दिन पड़ता है. इस साल कजरी तीज 25 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी.
कजरी तीज 2021 : तिथि और शुभ मुहूर्त
दिनांक : 25 अगस्त, बुधवार
शुभ तिथि प्रारंभ : 4:04 सायं, 24 अगस्त
शुभ तिथि समाप्त : 4:18 सायं, 25 अगस्त
कजरी तीज 2021 : पूजा विधि
– महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर नहाना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए
– बिना कुछ खाए-पिए पूरे दिन उपवास रखने का संकल्प लें
– या तो गाय के गोबर से भगवान शिव और देवी गौरी की मूर्तियां बनाएं या बाजार से खरीद लें
– अपने घर के मंदिर में मूर्तियों को नए लाल कपड़े पर स्थापित करें
– दोनों देवताओं की पूजा करें और सोलह श्रृंगार के रूप में जानी जाने वाली 16 वस्तुओं को चढ़ाएं, जिनमें साड़ी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, नेल पॉलिश, लिपस्टिक आदि शामिल हैं
– कजरी तीज कथा का पाठ करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें
कजरी तीज 2021 : महत्व
ये एक सदियों पुराना त्योहार है जिसमें विवाहित महिलाएं पूजा करने के लिए अपने माता-पिता के घर जाती हैं. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए पूजा करती हैं. इसके अलावा, मान्यता के अनुसार, अविवाहित लड़कियां जो इस व्रत को रखती हैं, उन्हें एक उपयुक्त जीवन साथी का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही, भगवान शिव उनके वैवाहिक जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं.