धर्म-अध्यात्म

कजरी तीज व्रत आज, जरूर करें इस कथा का पाठ, दांपत्य जीवन रहेगा सुखमय

Subhi
14 Aug 2022 3:33 AM GMT
कजरी तीज व्रत आज, जरूर करें इस कथा का पाठ, दांपत्य जीवन रहेगा सुखमय
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इस साल 14 अगस्त, 2022, रविवार को कजरी तीज है। भादो माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली तीज को कजरी तीज कहा जाता है। कजरी तीज को कजली तीज या बड़ी तीज नाम से भी जाना जाता है।

इस साल 14 अगस्त, 2022, रविवार को कजरी तीज है। भादो माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली तीज को कजरी तीज कहा जाता है। कजरी तीज को कजली तीज या बड़ी तीज नाम से भी जाना जाता है। वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए सुहागन महिलाएं यह व्रत करती हैं और लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत करती हैं। कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। कजरी व्रत के दिन व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। आगे पढ़ें व्रत कथा-

एक गांव में गरीब ब्राह्मण का परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी ने भाद्रपद महीने में आने वाली कजली तीज का व्रत रखा और ब्राह्मण से कहा, हे स्वामी आज मेरा तीज व्रत है। कहीं से मेरे लिए चने का सत्तू ले आइए लेकिन ब्राह्मण ने परेशान होकर कहा कि मैं सत्तू कहां से लेकर आऊं भाग्यवान। इस पर ब्राहमण की पत्नी ने कहा कि मुझे किसी भी कीमत पर चने का सत्तू चाहिए।

इतना सुनकर ब्राह्मण रात के समय घर से निकल पड़ा वह सीधे साहूकार की दुकान में गया और चने की दाल, घी, शक्कर आदि मिलाकर सवा किलो सत्तू बना लिया। इतना करने के बाद ब्राह्मण अपनी पोटली बांधकर जाने लगा। तभी खटपट की आवाज सुनकर साहूकार के नौकर जाग गए और वह चोर-चोर आवाज लगाने लगे।

ब्राह्मण को उन्होंने पकड़ लिया साहूकार भी वहां पहुंच गया। ब्राह्मण ने कहा कि मैं बहुत गरीब हूं और मेरी पत्नी ने आज तीज का व्रत रखा है। इसलिए मैंने यहां से सिर्फ सवा किलो का सत्तू बनाकर लिया है। ब्राह्मण की तलाशी ली गई तो सत्तू के अलावा कुछ भी नहीं निकला। उधर चांद निकल आया था और ब्राह्मण की पत्नी इंतजार कर रही थी।

साहूकार ने कहा कि आज तुम्हारी पत्नी को मैं अपनी धर्म बहन मानूंगा। उसने ब्राह्मण को सातु, गहने, रुपये, मेहंदी, लच्छा और बहुत सारा धन देकर अच्छे से विदा किया। सभी ने मिलकर कजली माता की पूजा की। जिस तरह ब्राह्मण के दिन फिरे वैसे सबके दिन फिरे।


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